बद से बदतर हुई पाकिस्तान की हालत, केवल 3 सप्ताह का बचा विदेशी मुद्रा भंडार, इसके बाद क्या होगा?
Pakistan foreign exchange reserves : पाकिस्तान की बिगड़ती हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी 2022 के अंत में स्टेट बैंक के पास 16.608 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था। विदेशी कर्ज के भुगतान के चलते इसके बाद के महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आती गई।
महंगाई के खिलाफ लाहौर में प्रदर्शन करतीं महिलाएं।
साप्ताहिक खाद्य महंगाई 31 प्रतिशत बढ़ामहंगाई की मार से आम लोगों की हालत खराब है। खाने-पीने की वस्तुओं की कीमत पहले से आसमान छू रही हैं। साप्ताहिक खाद्य महंगाई का आंकड़ा बीते साल के इसी अवधि के मुकाबले 31 प्रतिशत बढ़ गया है। पाकिस्तान की बिगड़ती हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी 2022 के अंत में स्टेट बैंक के पास 16.608 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था। विदेशी कर्ज के भुगतान के चलते इसके बाद के महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आती गई। पाकिस्तान की संस्थाओं ने लोगों को महंगाई की मार से उबारने के लिए कोई राहत नहीं दी बल्कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से कर्ज लेते रहे।
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IMF से कर्ज लेना ही अब विकल्पफाइनेंसियल पोस्ट रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को उम्मीद थी कि उसके करीबी दोस्त चीन और सऊदी अरब कर्ज के जाल से उबारने में उसे वित्तीय मदद देकर मदद करेंगे लेकिन इन दोनों देशों से उसे निराश हाथ लगी है। अब पाकिस्तान नए कर्ज के लिए एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का दरवाजा खटखटा सकता है। यही नहीं, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बाढ़ राहत सहायता राशि की भी उम्मीद कर रहा है। गत 10 जनवरी को पाकिस्तान ने जेनेवा में बाढ़ राहत कोष के लिए 10 अरब डॉलर जुटाए।
सऊदी अरब दे सकता है 2 अरब डॉलरदरअसल, बाढ़ सहायता राशि के रूप में मिली 90 प्रतिशत रकम अगले तीन साल में पाकिस्तान में चलने वाली योजनाओं पर खर्च होंगी। रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब ने पाकिस्तान के स्टेट बैंक में 2 अरब डॉलर जमा करने की इच्छा जताई है। हालांकि, इसके लिए पहले वह इस बात को देखेगा कि यह लोन कैसे और किस रूप में दिया जा सकता है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि चीन भी उसे इसी तरह की मदद करेगा।
सेवा बंद कर सकती हैं विदेशी जहाजरानी कंपनियांपाकिस्तान में नकदी की तंगी की समस्या सामने आई है। जहाजरानी एजेंटों ने नकदी की तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि विदेशी जहाजरानी कंपनियां उसके लिए अपनी सेवाएं बंद करने पर विचार कर रही हैं। सेवाएं बंद होने पर देश के सभी निर्यात ठप हो सकते हैं। जहाजरानी कंपनियों ने कहा कि बैंकों ने डॉलर की कमी के चलते उन्हें माल ढुलाई शुल्क देना बंद कर दिया है। पाकिस्तान शिप एजेंट एसोसिएशन (पीएसएए) के चेयरमैन अब्दुल रऊफ ने वित्त मंत्री इशाक डार को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि जहाजरानी सेवाओं में कोई भी व्यवधान देश के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। एसोसिएशन ने चेतावनी देते हुए कहा, 'यदि अंतरराष्ट्रीय व्यापार बंद कर दिया जाएगा, तो आर्थिक स्थिति और खराब हो जाएगी।'
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