एक तरफ कोर्ट से मिली रिहाई तो दूसरी तरफ आतंकवाद से जुड़े मामले में गिरफ्तार हो गए इमरान खान

पाकिस्तान की एक अदालत ने शनिवार को गैर-इस्लामिक विवाह मामले में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को बरी कर दिया। यह एकमात्र ऐसा मामला था, जिसके कारण पिछले साल अगस्त के बाद से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक खान सलाखों के पीछे हैं।

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इमरान खान एक अन्य मामले में गिरफ्तार (फोटो- Imran Khan)

मुख्य बातें
  • रिहा होते ही गिरफ्तार कर लिए गए इमरान खान
  • आतंकवाद के मामले में हुई गिरफ्तारी
  • अब फिर सलाखों के पीछे इमरान खान
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए शनिवार का दिन अच्छा और बुरा दोनों रहा। इमरान खान को जहां एक मामले में बरी कर दिया गया, वहीं आतंकवाद से जुड़े एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। इस बार आतंकवाद से जुड़े मामले में पाकिस्तान की पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

किस मामले में इमरान खान हुए बरी

गैर-इस्लामिक विवाह मामले में एक अदालत द्वारा जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को बरी किए जाने के कुछ देर बाद पुलिस ने इमरान खान को पिछले साल नौ मई को हुई हिंसा में आतंकवाद से जुड़े मामले में फिर गिरफ्तार कर लिया। लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने इमरान की गिरफ्तारी का आदेश दिया था।

पिछले साल से जेल में हैं इमरान खान

इमरान खान को पिछले साल नौ मई को भड़के दंगों से संबंधित तीन मामलों में गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने इमरान खान को जेल से रिहा करने से इनकार कर दिया। पीटीआई ने अपने नेता खान की नई गिरफ्तारी को “अवैध कारावास को लंबा रखने की नौटंकी” बताया है। पीटीआई प्रमुख गौहर खान ने इमरान खान को रिहा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप फर्जी हैं। उन्हें सभी मामलों में इंसाफ मिलेगा।

क्या है इमरान की शादी का विवाद

बता दें कि इस्लामाबाद की एक अदालत में 8 फरवरी को हुए आम चुनाव से कुछ दिन पहले बुशरा बीबी के पूर्व पति खावर फ़रीद मेनका ने शिकायत की थी। मेनका ने आरोप लगाया था कि इमरान खान ने बुशरा बीबी से उनकी इद्दत की अवधि के दौरान शादी की थी। इस्लाम में, एक महिला तलाक या अपने पति की मृत्यु के चार महीने बाद तक पुनर्विवाह नहीं कर सकती है। इस मामले में सुनाई गई सजा के खिलाफ इमरान ने राजधानी इस्लामाबाद में एक जिला और सत्र अदालत में अपील की थी। वहां अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अफ़ज़ल मजोका ने मामले की सुनवाई की और इमरान व बुशरा को रिहा करने का आदेश दिया।
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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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