Pakistan Hindu Mandir: नहीं सुधरेगा पाकिस्तान, अब खैबर पख्तूनख्वा में गिराया दिया गया ऐतिहासिक हिंदू मंदिर
Pakistan Hindu Mandir: खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर को गिरा दिया गया है। उस स्थान पर एक वाणिज्यिक परिसर का निर्माण शुरू हो गया है।
2020 की वो घटना जब इसी इलाके में एक मंदिर को दिया गया था जला
मुख्य बातें
- खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर को गिरा दिया गया है।
- यह मंदिर पाकिस्तान के लैंडी कोटाल बाजार में स्थित था।
- पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार की आती रही हैं खबरें।
Pakistan Hindu Mandir: पाकिस्तान में हिंदू धर्म पर लगातार चोट किया जा रहा है। पाकिस्तान अपनी आदतों से इस मामले में बाज आता नहीं दिख रहा है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर को गिरा दिया गया है।
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लैंडी कोटाल बाजार में स्थित था मंदिर
पीटीआई के अनुसार खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर को गिरा दिया गया है। उस स्थान पर एक वाणिज्यिक परिसर का निर्माण शुरू हो गया है। यह स्थान 1947 से बंद था, जब बंटवारे के बाद इसके मूल निवासी भारत चले आए थे। 'खैबर मंदिर' खैबर जिले के सीमावर्ती शहर लैंडी कोटाल बाजार में स्थित था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह धीरे-धीरे लुप्त होता जा रहा था। इस स्थान पर निर्माण करीब 10-15 दिन पहले शुरू हुआ था।
अधिकारियों का काम
विभिन्न प्रशासनिक विभागों के अधिकारियों ने या तो हिंदू मंदिर के अस्तित्व के बारे में जानकारी होने से इनकार किया या दावा किया कि निर्माण नियमों के अनुसार हो रहा है। डॉन अखबार ने लैंडी कोटाल के सहायक आयुक्त मुहम्मद इरशाद के हवाले से कहा कि खैबर कबायली जिले के आधिकारिक भूमि रिकॉर्ड में मंदिर का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने मंदिर गिराये जाने के बारे में अनभिज्ञता प्रकट की। लैंडी कोटाल के पटवारी जमाल आफरीदी ने दावा किया कि उन्हें मंदिर स्थल पर निर्माण गतिविधि की जानकारी नहीं है।
स्थानीय लोगों ने ही खोल दी पोल
लैंडी कोटाल निवासी प्रमुख कबायली पत्रकार इब्राहिम शिनवारी ने दावा किया कि मुख्य लैंडी कोटाल बाजार में एक ऐतिहासिक मंदिर था। उन्होंने कहा- "मंदिर लैंडी कोटाल बाजार के केंद्र में स्थित था, जिसे 1947 में स्थानीय हिंदू परिवारों के भारत चले जाने के बाद बंद कर दिया गया था। 1992 में भारत में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद कुछ मौलवियों और मदरसों ने इसे आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया था। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि लैंडी कोटाल में ‘खैबर मंदिर’ नाम का एक धर्मस्थल था।"
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