PAK: इधर पूर्व PM पर गिरफ्तारी की तलवार, उधर खुलासा- इमरान सरकार के दौरान पत्नी की सहेली की संपत्ति में हुआ 'बड़ा इजाफा'
दरअसल, क्रिकेटर से नेता बने 70 साल के इमरान खान बीते साल वजीराबाद में जानलेवा हमले में गोली लगने के बाद फिलहाल चोट से उबर रहे हैं। वह इससे पहले इस केस में तीन बार सुनवाई में शामिल नहीं हुए थे। खान, तोशखाना (सरकारी खजाना) से रियायती मूल्य पर पीएम के रूप में प्राप्त एक महंगी ‘ग्रैफ’ कलाई घड़ी सहित बाकी गिफ्ट्स लाभ के लिए बेचने को लेकर निशाने पर रहे हैं।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान। (फाइल)
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई चीफ इमरान खान पर फिलहाल गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। रविवार (पांच मार्च, 2023) को इस्लामाबाद पुलिस का एक दस्ता उन्हें तोशखाना मामले में अरेस्ट करने लाहौर में उनके आवास पर पहुंच गया। हालांकि, खान की कानूनी टीम ने यह आश्वासन दिया कि सात मार्च, 2023 को वह कोर्ट में पेश होंगे, जिसके बाद पुलिस टीम लौट गई।
खान की गिरफ्तारी की आशंका की खबरों के बीच बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता जमान पार्क पहुंच गए थे। इस्लामाबाद पुलिस कोर्ट का आदेश देने के लिए जब उनके आवास पर थी तब खान घर से ‘जेल भरो तहरीक’ (गिरफ्तारी अभियान) में गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की सभा में अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने इस दौरान दावा किया कि “वे” उन्हें अदालत में पेशी के दौरान रास्ते में मारना चाहते थे। उन्होंने आरोप लगाया, “उन्होंने अदालत में पेशी के दौरान मुझे मारने की एक और योजना बनाई है।”
सेना के अप्रत्यक्ष संदर्भ में वह आगे बोले, “मैं पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखूंगा कि मेरे खिलाफ 74 झूठे मामले दर्ज किए गए हैं। मुझे उन लोगों से अपनी जान का खतरा है, जो मेरी रक्षा करने वाले हैं।” उन्होंने यह भी कहा, “(प्रधानमंत्री) शहबाज शरीफ और (गृह मंत्री) राणा सनाउल्लाह जैसे अपराधियों का उदाहरण लें, जो लोगों की हत्या और उनकी जान लेने की कोशिश (पिछले साल नवंबर में वजीराबाद में) में शामिल थे।”
वहीं, खान की तत्कालीन सरकार के दौरान उनकी पत्नी की सहेली फरहत शहजादी की संपत्ति में बढ़ोतरी आई थी। यह दावा पड़ोसी मुल्क के अंग्रेजी अखबार 'दि न्यूज इंटरनेशनल' की रिपोर्ट में किया गया। बताया गया कि खान जब ओवरसीज पाकिस्तानियों से मुल्क में निवेश की अपील कर रहे थे, तब शहजादी और उनके परिवार के लोग बाकी मुल्कों में अपने कारोबार को फैलाने में लगे थे। यही नहीं, उन्होंने इस दौरान यूनाइटेड किंगडम में कंपनियां भी रजिस्टर कराई थीं।
रिपोर्ट के मुताबिक, शहजादी के परिवार ने चार कंपनियों का रजिस्ट्रेशन और अधिगृहण किया। दस्तावेजों में दी गई जानकारी के हिसाब से इन कंपनियों का ताल्लुक यूके में एसआईसी या फिर रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ा था। तीन कंपनियों को फरहत की बहन मुसरत (यूके में आधा दर्जन कंपनियों की मालकिन हैं) ने रजिस्टर कराया था, जबकि एक उन्होंने और उनके पति ने साल 2019 से 2021 के बीच कराई थी।
हालांकि, खान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि मौजूदा शहबाज शरीफ सरकार की ओर से उन्हें सियासी तौर पर शिकार बनाया जा रहा है। पीटीआई (Pakistan Tehreek-e-Insaf) के चेयरमैन खान ने इसके अलावा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शहजादी का बचाव भी किया था। वैसे, एफआईए ने शहजादी के खिलाफ एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है और सरकार उन्हें इंटरपोल के जरिए पाकिस्तान वापस लाने का प्लान बना रही है। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)
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