पाकिस्तान ने फिर अलापा कश्मीर राग, शहबाज शरीफ के बयान से कुछ नहीं 'सीखा'

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि वह सभी ज्वलंत मुद्दों पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, बातचीत शुरू करने के लिए उन्होंने कश्मीर का जिक्र नहीं किया, जैसा कि पाकिस्तानी नेता एवं हुक्मरान 2019 से करते आए हैं।

pakistan shehbaz

भारत के साथ बातचीत के बयान पर पाकिस्तान का यू-टर्न।

Pakistan U-turn : पाकिस्तान की बदहाली के बीच वहां के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत को लेकर ऐसी बात कही जिससे वहां के हुक्मरान बचते रहे हैं। उन्होंने बिना कश्मीर का जिक्र किए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करने की इच्छा जताई। यूएई के न्यूज चैनल अल अरबिया के साथ बातचीत में शहबाज ने कहा कि उनके देश ने भारत के साथ तीन युद्ध लड़े और इन युद्धों से पाकिस्तान में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी। पाकिस्तान सबक सीख चुका है। शरीफ ने कहा कि वह सभी ज्वलंत मुद्दों पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, बातचीत शुरू करने के लिए उन्होंने कश्मीर का जिक्र नहीं किया, जैसा कि पाकिस्तानी नेता एवं हुक्मरान 2019 से करते आए हैं।

पीएमओ ने जारी किया बयान

लगता है कि शहबाज का यह बयान पाकिस्तानी सेना के हुक्मरानों का नागवार गुजरा और उन्होंने पीएमओ पर बयान में बदलाव के लिए कहा। इसके बाद शरीफ के बयान पर सफाई देते हुए पीएमओ की तरफ से बयान जारी हुआ। इस बयान में कहा गया है कि 'प्रधानमंत्री शरीफ ने आधिकारिक तौर पर यह बार-बार कहा है कि भारत के साथ बातचीत तभी हो सकती है जब वह कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करे। बिना इसके बहाली के बातचीत संभव नहीं है। कश्मीर विवाद का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव एवं जम्मू कश्मीर के लोगों की भावनाओं के अनुरूप होना चाहिए।'

अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग करता है पाक

बयान में आगे कहा गया कि इस बात को पीएम शहबाज ने अपनी यूएई यात्रा के दौरान चैनल के साथ बातचीत में पूरी स्पष्टता के साथ रखा। बता दें कि भारत सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनु्च्छेद 370 को खत्म कर दिया। साथ जम्मू-कश्मीर को दो अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। इस फैसले ने पाकिस्तान के पैरों तले जमीन खिसक गई। इसके बाद से ही पाकिस्तान के नेता एवं हुक्मरान अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग करते रहे हैं। पाकिस्तान ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाया लेकिन किसी भी देश ने उसकी मांग पर गौर नहीं किया।

फारूक बोले-पड़ोसी से बातचीत जरूरी

इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर समस्या तब तक खत्म नहीं होगी, जब तक ‘हम अपने पड़ोसी से बात नहीं करते’ और दशकों से चली आ रही इस समस्या का वास्तविक समाधान नहीं ढूंढते। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हम एकजुट नहीं होंगे, तब तक भारत तरक्की नहीं कर पाएगा और मजबूत नहीं बन पाएगा। दिल्ली में रॉ के पूर्व प्रमुख ए एस दुलत की किताब ‘अ लाइफ इन द शैडोज़ : अ मेमॉयर’ के विमोचन कार्यक्रम के दौरान 85 वर्षीय अब्दुल्ला ने यह टिप्पणी की। दुलत 2000 में सेवानिवृत्त हुए थे।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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