Pakistan में क्रांति की सजा है सिर्फ मौत? Imran Khan पर अटैक से पहले ये नेता चढ़ चुके हैं रक्तरंजित राजनीति की भेंट

पूर्व पीएम इमरान खान पर विरोध मार्च के दौरान हमला किया गया था, जिसमें वह जख्मी हुए। इस बीच, देश के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख खान के पूरी तरह स्वस्थ होने तक वे इस्लामाबाद तक ‘‘हकीकी आज़ादी मार्च’’ का नेतृत्व करेंगे। खान ने रविवार को कहा था कि उनकी पार्टी मंगलवार से इस्लामाबाद तक मार्च उसी स्थान से दोबारा से शुरू करेगी, जहां उनके ऊपर जानलेवा हमला किया गया था।

भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) भले ही दूसरों से जम्हूरियत (लोकतंत्र) की बात करता हो, मगर वह खुद फौज के खौफ के तले सांस लेने पर मजबूर है। वहां हक के लिए लड़ने, आवाज उठाने और क्रांति करने पर सियासी तौर पर घेर लिया जाता है। इसका सबसे ताजा उदाहरण पूर्व पीएम और पीटीआई प्रमुख इमरान खान बने। उन पर हाल ही में हमला कर दिया गया था, पर उनसे पहले देश के कुछ और नेता भी रहे जो वहां की रक्तरंजित राजनीति की भेंट चढ़ गए थे।

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दरअसल, 16 अक्टूबर 1951 को पाक के पहले पीएम लियातक अली की रावलपिंडी की एक रैली में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 1978 में जुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी पर चढ़ा दिया गया था। वह जनता की ओर से चुने गए पहले प्रधानमंत्री थे। 1988 में जिया उल हक की विमान हादसे में रहस्यमयी मौत हो गई थी। आगे 27 दिसंबर 2007 पीएम बेनजीर भुट्टो की फिदायीन हमले में हत्या कर दी गई थी और अब पीटीआई चीफ इमरान खान ने भी हमले का सामना किया। उन्होंने मौजूदा पीएम, गृहमंत्री और सेना के मेजर जनरल पर हमले की साजिश का आरोप लगाया।

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