ISI ही नहीं पाक के लिए जासूसी करती हैं ये भी एजेंसियां, एजेंट को सौंपे जाते हैं अलग-अलग काम
Pakistan Intelligence Agencies: पाकिस्तान अपनी खुफिया एजेंसियों के जरिए भारत में लोगों की जासूसी और रक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में संवेदनशील जानकारियां जुटाने की कोशिश करता है। कभी उसके स्लीपर सेल तो कभी उसके एजेंट पकड़े जाते हैं। 'हनीट्रैप' के जरिए सैन्यकर्मियों को फंसाना भी उसके मिशन का हिस्सा है।
भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहती हैं पाक की खुफिया एजेंसियां।
Pakistan Intelligence Agencies: नेपाल के रास्ते अवैध तरीके से अपने चार बच्चों के साथ भारत में दाखिल हुई पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर पर आईएसआई का जासूस होने का शक है। यूपी एटीएस उससे पूछताछ कर रही है। पूछताछ में वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई है। उससे बरामद दस्तावेज, पासपोर्ट, मोबाइल फोन, उसके हाव-भाव, बोल-चाल और कैमरे के सामने बेबाक अंदाज भी उसके जासूस होने की तरफ इशारा कर रहे हैं। सीमा को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। लोग सच जानना चाहते हैं। जांच में अगर यह साबित हो जाता है कि वह 'प्रेमी' नहीं बल्कि जासूस है तो इसमें हैरानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि आजादी के बाद से ही भारत को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान साजिशें रचता आया है।
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स्लीपर सेल से लेकर 'हनीट्रैप' तक फैला है जाल
पाकिस्तान अपनी खुफिया एजेंसियों के जरिए भारत में लोगों की जासूसी और रक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में संवेदनशील जानकारियां जुटाने की कोशिश करता है। कभी उसके स्लीपर सेल तो कभी उसके एजेंट पकड़े जाते हैं। 'हनीट्रैप' के जरिए सैन्यकर्मियों को फंसाना भी उसके मिशन का हिस्सा है। यहां हम आईएसआई के अलावा उसकी उन एजेंसियों के बारे में बात करेंगे जो देश में और देश के बाहर खुफिया एवं गोपनीय अभियानों को अंजाम देती हैं। पाकिस्तान की प्रमुख खुफिया एजेंसी ISI है। इसके अलावा उसकी डिफेंस इंटेलिजेंस सर्विसेज (डीआईएस), इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) और फाइनेंसियल मॉनिटरिंग यूनिट (एफएमयू) हैं जो देश के भीतर और बाहर खुफिया मिशनों एवं अभियानों को अंजाम देती हैं।
आईएसआई (ISI)
आईएसआई पाकिस्तान की प्रमुख एवं सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी है। इसकी स्थापाना 1948 में हुई। इसका मुख्य काम सरकार एवं सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाना और उनका आकलन करना है। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर सरकार एवं सैना के अधिकारी मिलकर काम करते हैं। इस खुफिया एजेंसी की अगुवाई पाकिस्तानी सेना का तीन स्टार वाला जनरल करता है। इस अधिकारी की नियुक्ति चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ की सलाह पर प्रधानमंत्री करते हैं। भारत में आतंकवाद को बढ़ाने, आतंकियों के प्रशिक्षण देने और हर बड़ी हिंसक साजिश रचने में आईएसआई का हाथ होता है।
डिफेंस इंटेलिजेंस सर्विसेज (DIS)
पाकिस्तानी सेना की ये प्रमुख खुफिया एजेंसी है। थल सेना, वायु सेना और नौसेना के लिए इसके अलग-अलग विंग हैं। नौसेना की खुफिया एजेंसी समुद्र के अपने रणनीतिक अभियानों एवं चुनौतियों के लिए काम करती है। मिशन अंजाम देने के लिए इसके पास मरीन भी होते हैं। मिलिट्री इंटेलिजेंस खास तौर पर आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाती है। यह स्लीपर सेल, विदेशी एजेंट्स और देश विरोधी तत्वों की पहचान कर उन्हें खत्म करती है। यह एजेंसी सेना प्रमुख के अधीन काम करती है।
फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA)
एफआईए की स्थापना 1947 में हुई। यह एजेंसी देश के हितों के खिलाफ काम करने वाले विदेश एवं देशी तत्वों के खिलाफ कदम उठाती है। यह सरकार की एजेंसी है जो कि न्याय मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है। पाकिस्तान के पीएम सिविल इंटेलिजेंस सर्विसेज से इस एजेंसी के प्रमुख की नियुक्ति करते हैं।
इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB)
आईबी पाकिस्तान की सबसे पुरानी इंटेलिजेंस एजेंसी है। यह सीधे तौर पर प्रधानमंत्री के अधीन काम करती है। इसका प्रमुख रोल विदेश खुफिया प्रबंधन और काउंटर इंटेलिजेंस का निर्माण करने सहित आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है। इस एजेंसी के प्रमुख मिलिट्री इंटेलिजेंस सर्विसेज से रिटायर अधिकारी अथवा सेवानिवृत्त वरिष्ठ नौकरशाह होते हैं। आईबी के महानिदेशक की नियुक्ति पीएम करते हैं।
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