अमेरिका के फिर करीब आ रहा है पाकिस्तान ! क्या भारत के लिए बनेगा परेशानी का सबब
USA-Pakistan Relation: ट्रंप प्रशासन ने 2018 में पाकिस्तान के तालिबान और हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर, पाक को दी जाने वाली करीब दो अरब डॉलर की वित्तीय सहायता रोक दे थी। लेकिन अब राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को पहले से दिए गए एफ-16 लड़ाकू विमान के बेड़े के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है।
अमेरिका-पाक क्यों बढ़ रही है नजदीकी
- विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने F-16 पर नई डील पर कहा था कि आप जानते हैं कि उन्हें कहां तैनात किया गया है और उनका इस्तेमाल क्या है।
- पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत डोनल्ड ब्लोम ने पाक अधिकृत कश्मीर को आजाद कश्मीर कहकर ट्वीट किया है।
- इमरान खान के कार्यकाल के समय अमेरिका-पाकिस्तान रिश्ते काफी बिगड़ गए थे।
USA-Pakistan Relation: भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर का बीते 25 सितंबर का बयान काफी सुर्खियों में आया था। जिसमें उन्होंने अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के साथ F-16 लड़ाकू विमानों के रख-रखाव के लिए की गई डील पर कहा था कि आप जानते हैं कि उन्हें कहां तैनात किया गया है और उनका इस्तेमाल क्या है। जयशंकर का इशारा साफ था कि अमेरिका का यह फैसला भारत के हितों के विपरीत है। विदेश मंत्री के बयान के पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस डील पर चिंता जता चुके थे।
अभी यह मुद्दा शांत नहीं हुआ था कि पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत डोनल्ड ब्लोम ने कश्मीर को लेकर बड़ा ट्वीट कर दिया है। उन्होंने ट्रीट में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को आजाद कश्मीर लिखा है। जैसा कि अमेरिका पहले कभी नहीं कहते आया है। इन दो घटनाओं से साफ है कि अमेरिका और पाकिस्तान, इमरान खान के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के बीच आई दूरी को कम करना चाहते हैं। जो कि भारत के लिए चिंता का सबब बन सकता है।
डोनॉल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को रोक दी थी सैन्य सहायता
असल में ट्रंप प्रशासन ने 2018 में पाकिस्तान के तालिबान और हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर, उसे दी जाने वाली करीब दो अरब डॉलर की वित्तीय सहायता रोक दे थी। लेकिन सितंबर के महीने में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को पहले से दिए गए एफ-16 लड़ाकू विमान के बेड़े के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी थी। अमेरिका का कहना था कि पाकिस्तान को यह वित्तीय मदद इसलिए दे रहे हैं ताकि वह वर्तमान और भविष्य में आतंकवाद रोधी खतरों से निपट सकें।
आतंकवाद रोधी खतरे को कम करने की अमेरिकी दलील, शुरूआत से ही बेमानी नजर आती है। असल में जब भारत ने पुलवामा में आतंकी हमले के बाद एयरस्ट्राइक की थी, तो उसके विरोध में पाकिस्तान ने F-16 विमानों के जरिए भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी। और उस वक्त विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग-21 से F-16 विमानों को मार गिराया था। जाहिर है अमेरिकी मदद पाकिस्तान वायुसेना को मजबूत करेगी। और वह भारत के लिए चुनौती बनेगी।
पूर्व विदेश सचिव ने अमेरिकी राजदूत के बयान पर जताई आपत्ति
इसी तरह अमेरिका के राजदूत डोनल्ड ब्लोम ने पाक अधिकृत कश्मीर का हाल ही में दौरा किया है। और उसे आजाद कश्मीर कहा है। जिस पर भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने आपत्ति जताई है। सिब्बल ने कहा है कि भारत हमेशा से कहता रहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का क्षेत्र है. हमने इसीलिए चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर का विरोध किया था क्योंकि यह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन करता है। अमेरिका इस बात को जानता है। इसके बावजूद वहआजाद जम्मू-कश्मीर कह रहा है। क्या अमेरिकी राजदूत को पूरी जानकारी नहीं दी गई या उन्हें कहा गया है कि अमेरिका अब इसे विवादित क्षेत्र नहीं मानेगा ?
इसके अलावा पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल जनरल कमर जावेद बाजवा अमेरिका पहुंच गए है। जहां उनकी कोशिश एक बार फिर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्तों को पटरी पर लाने की रहेगी। जिससे अमेरिका से पाकिस्तान को सैन्य सहयोग मिल सके।
रूस से नजदीकी का जवाब दे रहा है अमेरिका
जिस तरह अमेरिका और पाकिस्तान के बीच नजदीकियां बढ़ रही है, उसे देखते हुए यह भी कयास लग रहे हैं कि जिस तरह भारत ने पश्चिमी देशों के दबाव के रूस से युद्ध के समय संबंध बनाए रखे हैं। वह बदली अमेरिकी नीति के रूप में दिख रहा है। हालांकि इन कयासों पर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय में सहायक मंत्री एली रैटनर ने कहा कि इस डील का भारत के रूस के साथ बेहतर रिश्तों से संबंध नहीं है।
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