पाकिस्तान को जल्द मिलेगा नया सेना अध्यक्ष, जाते-जाते बोले बाजवा पाकिस्तान में कानून का राज स्थापित हो
Pakistan: जनरल बाजवा को 2016 में तीन साल के कार्यकाल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था, लेकिन तीन साल के कार्यकाल के बाद 2019 में इमरान खान की तत्कालीन सरकार ने उनकी सेवा को और तीन साल के लिए बढ़ा दिया था। जनरल बाजवा 61 साल के हैं और पाकिस्तानी कानून 64 की आयु तक सेना प्रमुख के पद पर बने रहने की अनुमति देता है, यही कारण है की ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि एक और कार्यकाल के लिए वो बने रहेंगे।
पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा। (File Photo)
- राजनीति में कोई भूमिका नहीं निभाएगी सेना-जनरल कमर जावेद बाजवा
- राजनीतिक या आर्थिक रूप से अस्थिर करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देगी सेना- बाजवा
- ISI चीफ की नियुक्ति को लेकर बिगड़े थे बाजवा और इमरान के रिश्ते
जनरल बाजवा को 2016 में तीन साल के कार्यकाल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था, लेकिन तीन साल के कार्यकाल के बाद 2019 में इमरान खान की तत्कालीन सरकार ने उनकी सेवा को और तीन साल के लिए बढ़ा दिया था। जनरल बाजवा 61 साल के हैं और पाकिस्तानी कानून 64 की आयु तक सेना प्रमुख के पद पर बने रहने की अनुमति देता है, यही कारण है की ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि एक और कार्यकाल के लिए वो बने रहेंगे।
लेकिन इसी बीच जिस दिन पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान (
जब बाजवा ने बिना नाम लिए इमरान खान को दी थी धमकी
दरअसल ये पहली बार नहीं है जब जनरल बाजवा ने अपने कार्यकाल में विस्तार और सेना को राजनीति से दूरी बनाए रखने की बात कही हो। अक्टूबर महीने की शुरुआत में अमेरिका की यात्रा के दौरान, बाजवा ने ये कह दिया था कि वो अपने कार्यकाल के विस्तार की मांग नहीं करेंगे। अमेरिका से वापस लौटने के एक दिन बाद काकुल में पाकिस्तान सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए बाजवा ने किसी का नाम लिए बिना कहा था कि देश को राजनीतिक या आर्थिक रूप से अस्थिर करने वालों को पाकिस्तानी सेना मुंहतोड़ जवाब देगी। इस बयान को पाकिस्तान की राजनीति को समझने वाले, सीधे तौर पर इमरान खान की ओर से जल्दी चुनाव कराने और लाखों समर्थकों को राजधानी में लाने की धमकी से जोड़ कर देखते हैं।
बाजवा और इमरान खान के रिश्ते कैसे बिगड़े ?
पाकिस्तान की राजनीति को समझने वाले ये मानते हैं कि इमरान खान की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के काफी पहले से पाकिस्तानी सेना और इमरान खान की पार्टी के बीच संबंधों में खटास आ गई थी। मामला था ISI प्रमुख की नियुक्ति का। दरअसल कमर जावेद बाजवा ने इमरान खान के इच्छा के खिलाफ जाकर लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम की नए आईएसआई चीफ होने की घोषणा कर दी, जिन्हें लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद की जगह लेनी थी। बाजवा की ओर से लिए एकतरफा फैसले से इमरान खान नाराज थे, वो चाहते थे कि हमीद को कम से कम 2021 के अंत तक पद पर बने रहना चाहिए। आईएसआई चीफ की नियुक्ति में देरी के बाद ही इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के रिश्तों में तल्खियां आ गई थी।
कैसे होगी पाकिस्तान में अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति
पाकिस्तान में सेना प्रमुख की नियुक्ति पूरी तरह से प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। प्रक्रिया के अनुसार पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय की ओर से अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति के लिए रक्षा मंत्रालय के माध्यम से पांच वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरलों का नाम प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के पास भेजा जाएगा, जिसके बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सिफारिश पर सेना प्रमुख की नियुक्ति करेंगे। पाकिस्तानी अखबार DAWN के अनुसार जनरल कमर जावेद बाजवा के उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया अगले हफ्ते से शुरू हो जाएगी, जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर, लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा का नाम सबसे आगे चल रहा है।
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राहुल राज वर्त्तमान में टाइम्स नाउ में सीनियर रिपोर्टर के पद पर कार्यरत हैं। राहुल पिछले 7 साल से टी...और देखें
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