Video: 'काश भारत और पाकिस्तान का बंटवारा ना हुआ होता', छलका पाकिस्तानी का दर्द
India Pakistan: भारत और पाकिस्तान का बंटवारा वह गलती थी जिसका खामियाजा आज तक मुल्क भुगतने को मजबूर है ये दर्द है पाकिस्तानी बिजनेसमैन का जो एक बातचीत में सामने आया है।
India Pakistan partition: आजादी और बंटवारे के 75 साल बीत जाने के बाद अब भारत और पाकिस्तान के बीच जमीन-आसमान का फर्क है, कम आबादी और संसाधनों से भरपूर होने के बावजूद आज पाकिस्तान कंगाली के कगार पर खड़ा है वहीं, विश्व पटल पर भारत एक सुपरपावर की तरह पर उभर रहा है।पाकिस्तान के हालात दिन पर दिन बदत्तर होते जा रहे हैं, ऐसे हालात में जिस भारत देश को वह अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता आ रहा है, उसी के साथ जाने के लिए पाकिस्तान के लोग लालायित दिख रहे हैं।
पाकिस्तान के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स भारत की तारीफ करते हैं और अपनी सरकार को कोसते दिखते हैं और अब तो अमेरिका में मौजूद पाकिस्तानी मूल के बिजनेसमैन साजिद तरार ने यहां तक कहा है कि भारत और पाकिस्तान का बंटवारा वह गलती थी जिसका खामियाजा आज तक मुल्क भुगतने को मजबूर है।
भारत का विभाजन माउण्टबेटन योजना के आधार पर
गौर हो कि भारत का विभाजन माउण्टबेटन योजना के आधार पर निर्मित भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के आधार पर किया गया था इस अधिनियम में कहा गया कि 15 अगस्त 1947 को भारत व पाकिस्तान अधिराज्य नामक दो स्वायत्त्योपनिवेश बना दिए जायेंगें ब्रिटिश सरकार सत्ता सौंप देगी। स्वतंत्रता के साथ ही 14 अगस्त को पाकिस्तान अधिराज्य (बाद में जम्हूरिया ए पाकिस्तान) और 15 अगस्त को संघ (बाद में भारत गणराज्य) की संस्थापना की गई।
बंगाल प्रान्त को पूर्वी पाकिस्तान और भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में बाँट दिया
इस घटनाक्रम में मुख्यतः ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रान्त को पूर्वी पाकिस्तान और भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में बाँट दिया गया और इसी तरह ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रान्त को पश्चिमी पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त और भारत के पंजाब राज्य में बाँट दिया गया। इसी दौरान ब्रिटिश भारत में से सीलोन (अब श्रीलंका) और बर्मा (अब म्यांमार) को भी अलग किया गया, लेकिन इसे भारत के विभाजन में नहीं शामिल किया जाता है।
भारत और पाकिस्तान कानूनी तौर पर दो स्वतन्त्र राष्ट्र बने
15 अगस्त 1947 की आधी रात को भारत और पाकिस्तान कानूनी तौर पर दो स्वतन्त्र राष्ट्र बने। लेकिन पाकिस्तान की सत्ता परिवर्तन की रस्में 14 अगस्त को कराची में की गईं ताकि आखिरी ब्रिटिश वाइसराय लुइस माउण्टबैटन, करांची और नई दिल्ली दोनों जगह की रस्मों में हिस्सा ले सके। इसलिए पाकिस्तान में स्वतन्त्रता दिवस 14 अगस्त और भारत में 15 अगस्त को मनाया गया।
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रवि वैश्य author
मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनि...और देखें
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