पिता को देखते ही दौड़ा बंधक मासूम, जब छूटे फिलिस्तीनी कैदी तो ऐसा रहा नजारा, 10 प्वॉइंट्स में जानें-अब तक क्या हुआ

Israel Hamas War : इन दोनों देशों ने इजरायल एवं हमास के बीच चार दिनों का अस्थाई संघर्ष विराम लागू कराया है। दोनों पक्ष कैदियों एवं बंधकों की रिहाई कर रहे हैं। समझौते के तहत चार दिन के इस संघर्ष विराम में हर दिन राहत सामग्री, ईंधन के ट्रकों को गाजा में दाखिल होना है।

hamas war

अपने माता-पिता से मिलता इजरायली बच्चा।

Israel Hamas War : संघर्ष विराम के दौरान इजरायल ने करीब तीन दर्जन फलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है। रविवार सुबह रेड क्रास की बस इन्हें लेकर वेस्ट बैंक पहुंची। वहीं, इसके बदले हमास ने चार विदेशी नागरिकों सहित इजरायल के 13 नागरिकों को रिहा किया है। रेड क्रास की बस जब लोगों को लेकर वेस्ट बैंक के अल बिरेह पहुंचीं तो उनका स्वागत करने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। लोगों ने 'गॉड इज ग्रेट' के नारे लगाए। कुछ लोगों ने हमास के झंडे पकड़ रखे थे। अगवा इजरायली बच्चे का अपने पिता से मिलने का एक वीडियो सामने आया है जो दिल को झकझोर दे रहा है।

  1. बता दें कि बीत सात अक्टूबर को हमास ने इजरायल के कई शहरों पर भीषण हमला किया। हमले के बाद आतंकी संगठन करीब 240 लोगों को अगवा कर अपने साथ ले गया। इसके बाद इजरायल ने गाजा पर पहले हवाई हमले और फिर जमीनी कार्रवाई शुरू की। उत्तरी गाजा में मानवीय संकट खड़ा होने के बाद कतर और मिस्र ने दखल दिया।
  2. इन दोनों देशों ने इजरायल एवं हमास के बीच चार दिनों का अस्थाई संघर्ष विराम लागू कराया है। दोनों पक्ष कैदियों एवं बंधकों की रिहाई कर रहे हैं। समझौते के तहत चार दिन के इस संघर्ष विराम में हर दिन राहत सामग्री, ईंधन के ट्रकों को गाजा में दाखिल होना है।
  3. रिहा होने के बाद अपने लोगों से मिलने की बेताबी लोगों के चेहरों पर देखी गई है। हमास ने जिन लोगों को अगवा किया है उनमें बच्चे भी शामिल हैं। हमास की ओर से रिहा किए गए एक बच्चे का वीडियो सामने आया है। सात सप्ताह तक हमास की कैद में रहने के बाद जब यह बच्चा अपने परिवार को देखा तो वह खुशी से मचल उठा। अपने पिता एवं परिजनों से मिलने के लिए उसने दौड़ लगा दी।
  4. इजरायल के साथ हुए युद्ध विराम समझौते के तहत हमास ने 13 इजरायली और चार विदेशी बंधकों को रिहा किया है। हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों और इजरायल में फलस्तीनी कैदियों की अदला-बदली के दूसरे दौर के तहत इन बंधकों को रिहा किया गया है।
  5. सेना ने कहा कि ‘रेड क्रॉस’ के प्रतिनिधियों ने रिहा किए गए बंधकों को शनिवार देर रात मिस्र पहुंचाया। उन्हें बाद में शाम को इजरायल ले जाया जाएगा। हमास ने इजरायल पर युद्ध विराम समझौते की शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए बंधकों की रिहाई कई घंटों तक टाले रखी, जिसके कारण तनावपूर्ण गतिरोध पैदा हो गया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता प्रयासों से इस गतिरोध को अंतत: दूर कर दिया गया।
  6. हमास ने इजरायल पर सात अक्टूबर को अप्रत्याशित हमला कर करीब 240 लोगों को बंधक बना लिया था, जिसके बाद इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी पर हमला किया। इजरायल और हमास के बीच चार दिवसीय युद्ध विराम के दौरान कुल 50 बंधकों और 150 फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाना।
  7. चार दिवसीय युद्धविराम से दक्षिण लेबनान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी शांति बहाल होने लगी है। युद्ध के चलते जो लोग गांव में अपने घर खाली करके चले गए थे वे अब वापस लौटने लगे हैं। बंद दुकानें फिर से खुल गई हैं और सड़कों पर वाहन भी नजर आ रहे हैं।
  8. अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन के अनुसार, इजरायल-हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद लेबनानी चरमपंथी समूह हिजबुल्ला और इजरायली बलों के बीच कई बार संघर्ष देखा गया, जिसके कारण सीमावर्ती इलाकों से लगभग 55,500 लेबनानी नागरिक अपने घर छोड़कर चले गए।
  9. इस संघर्ष के दौरान लेबनान में भी 100 से अधिक और इजरायल में 12 लोग मारे गए। लेबनान में कम से कम 12 आम नागरिकों को जान गंवानी पड़ी, जिनमें तीन पत्रकार थे।
  10. इस चार दिवसीय युद्धविराम से लेबनान के सीमावर्ती इलाकों के लोगों को हवाई हमलों, बमबारी और गोलीबारी से अस्थायी राहत मिली है। इसको देखते हुए कुछ लोग वापस अपने क्षतिग्रस्त घरों को देखने के पहुंचे और अपना सुरक्षित बचा सामान साथ ले जा रहे हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। दुनिया (World News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited