Video: 'आटा संकट' के बाद पाकिस्तान में अब पेट्रोल की मारामारी, महज 30 दिनों का बचा है तेल

Petrol Crisis Pakistan: पाकिस्तान में यह पहली बार है जब देश इतने बड़े तेल संकट से गुजर रहा है और देश को अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष से मिलने वाली मदद का इंतजार है।

Petrol Crisis in Pakistan

पाकिस्तान ऑयल संकट

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
Pakistan की अर्थव्यवस्था पतन में जा रही है, आर्थिक हालात दिनों-दिन बदतर होते जा रहे हैं. देश में खाने-पीने की चीजों की भारी किल्लत हो रही है. आटा, चावल और खाद्य तेल की भारी कमी हो गई है। खाद्य तेल उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि उनके पास महज 30 दिनों का तेल बचा है. दूसरी तरह अब पेट्रोल कंपनियों ने Petrol Crisis को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं।
देश की तेल कंपनियों पीएम शहबाज शरीफ को चिट्ठी भेजकर कहा है कि बस कुछ ही दिनों में ऑयल इंडस्ट्री पूरी तरह बिखर जाएगी, क्योंकि उनके पास तेल लगभग खत्म हो चुका है
पाकिस्तान की तेल कंपनियों ने चेतावनी दी है कि ऑयल इंडस्‍ट्री पूरी तरह से बिखरने की कगार पर है, उनका है कि डॉलर न होने की वजह से और रुपए की लगातार गिरती कीमतों ने उद्योग पर संकट पैदा कर दिया है, कहा जा रहा है कि कंपनियों के मुताबिक कुछ ही दिन बचे हैं और पाकिस्‍तान की ऑयल इंडस्‍ट्री पूरी तरह से बैठ जाएगी।

सरकार ने डॉलर पर लगी सीमा हटा दी

समाचार चैनल जिओ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मांग पूरी करने के उद्देश्य से सरकार ने डॉलर पर लगी सीमा हटा दी। इससे पाकिस्तानी रुपया अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऐतिहासिक गिरावट के साथ 276.58 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया।आईएमएफ ने राहत पैकेज बहाल करने के लिए कई शर्तें लागू की हैं, जिनमें स्थानीय मुद्रा के लिए बाजार-निर्धारित विनिमय दर और ईंधन सब्सिडी को सरल करना आदि शामिल हैं। सरकार दोनों शर्तें पहले ही मान चुकी है।

विदेशी पूंजी भंडार घटने के कारण साख पत्र पर भी प्रतिबंध

तेल कंपनी सलाहकार परिषद तेल और गैस नियामक प्राधिकरण और ऊर्जा मंत्रालय को भेजे एक पत्र में कहा कि रुपये की विनिमय दर में गिरावट के कारण उद्योग को अरबों रुपये का घाटा हुआ है क्योंकि उनके साख पत्र के लिए नई दर तय होने की संभावना है। सरकार ने विदेशी पूंजी भंडार घटने के कारण साख पत्र पर भी प्रतिबंध लगा दिए हैं। विदेशी पूंजी भंडार 27 जनवरी के आंकड़ों के अनुसार 308.62 करोड़ डॉलर रह गया था, जो सिर्फ 18 दिन के आयात के लिए पर्याप्त है।
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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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