मेडिकल की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों के लिए खुशखबरी, फिलिपींस ने दी बड़ी राहत, अब वहीं कर सकेंगे प्रैक्टिस
Indian Medical students : बता दें कि साल 2023 में एनएमसी ने फिलिपींस में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री को अमान्य घोषित कर दिया। उसने केवल चार वर्षों वाले एमडी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को ही इजाजत दी। इस पाठ्यक्रम को भारत के एमबीबीएस कोर्ट के समतुल्य माना जाता है।
फिलिपींस में मेडिकल शिक्षा कानून में बदलाव।
Indian Medical students : फिलिपींस में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्रों को वहां की सरकार ने बड़ी राहत दी है। मेडिकल में स्नातक हो चुके छात्र यहां लाइसेंस लेकर स्थानीय स्तर पर अपनी प्रैक्टिस कर सकते हैं, इसके लिए फिलिपींस सरकार ने अपने कानून में बदलाव किया है। इस कदम से उन मेडिकल स्टूडेंट को भी फायदा होगा जो भारत में प्रैक्टिस करना चाहते हैं। फिलिपींस की यह व्यवस्था राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद के नियम के मुताबिक है। एनएमसी का नियम मेडिकल छात्रों को भारत लौटने पर स्क्रीनिंग टेस्ट में शामिल होने के लिए एक वैध प्रैक्टिस लाइसेंस का होना अनिवार्य बनाता है।
कई देशों ने की है इस तरह की शुरुआत
दरअसल, हाल के वर्षों में भारतीय छात्रों को अपने यहां मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए कई देशों ने इस तरह की पहल की है। अब इसमें फिलिपींस का नाम भी जुड़ गया है। एनएमसी के 2021 के संशोधन में कहा गया है कि विदेश में मेडिकल डिग्री की पढ़ाई करने वाले छात्रों को वापस भारत लौटने पर उन्हें स्क्रीनिंग टेस्ट में बैठने की इजाजत तभी मिलेगी जब उनके पास उस देश का प्रैक्टिस लाइसेंस होगा, जहां उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई की है।
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'अब सभी चिंताएं अतीत की बात'
बता दें कि साल 2023 में एनएमसी ने फिलिपींस में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री को अमान्य घोषित कर दिया। उसने केवल चार वर्षों वाले एमडी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को ही इजाजत दी। इस पाठ्यक्रम को भारत के एमबीबीएस कोर्ट के समतुल्य माना जाता है। विदेशी शिक्षा के एजेंट कडविन पिल्लई ने कहा कि अब सभी चिंताएं अतीत की बात हो चुकी हैं। उन्होंने कहा, 'फिलिपींस में यूजी मेडिकल कोर्स की अवधि में सुधार कर दिया गया है और इसे एनएमसी की जरूरतों के हिसाब से बनाया गया है। अब यहां मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्र स्थानीय स्तर पर या कहीं और प्रैक्सिट कर सकते हैं। इससे छात्रों और फिलिपींस दोनों को लाभ होगा।'
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मेडिकल पढ़ाई पर Rs 40 लाख खर्च करते हैं भारतीय छात्र
बता दें कि इस साल राष्ट्रीय पात्रता कम प्रवेश परीक्षा (यूजी) में 24 लाख छात्र सम्मिलित हुए। माना जा रहा है कि इस संशोधन के बाद करीब 5 लाख भारतीय छात्र वहां पढ़ाई करने के लिए आएंगे। ये छात्र अपनी मेडिकल की पढ़ाई पर करीब 40 लाख रुपए खर्च करते हैं।
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