पश्चिम को अपनी ताकत दिखा रहे पुतिन, BRICS के लिए कजान पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, हुआ भव्य स्वागत
BRICS Summit 2024: इस सम्मेलन के जरिए पुतिन पश्चिम को यह संदेश भी देने की कोशिश करेंगे कि आर्थिक प्रतिबंध लगाकर रूस को अलग-थलग करने की अमेरिका के सभी प्रयास बेअसर साबित हुए हैं। तरह-तरह के आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद वह आगे बढ़ा है। मुश्किल वक्त में उसका साथ देने वाले दोस्त कम नहीं हुए हैं।
रूस के शहर कजान पहुंचे पीएम मोदी।
BRICS Summit 2024: रूस के शहर कजान में सियासी दिग्गजों का मेला लगा है। यह मेला किसी और ने नहीं बल्कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लगाया है। मौका है BRICS सम्मेलन का। इस समिट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया भर के करीब 20 राष्ट्राध्यक्ष शिरकत कर रहे हैं। इस मेगा समिट के जरिए पुतिन अमेरिका सहित पश्चिमी देशों को यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि तमाम प्रतिबंधों और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद रूस न तो अलग-थलग पड़ा है और न ही वह कमजोर हुए हैं। उनके साथ जो देश पहले खेड़ थे, वे आज भी मजबूती से उनके साथ हैं। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार दोपहर कजान पहुंच गए। कजान हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
जी-7 का जवाब है BRICS
इस सम्मेलन के जरिए पुतिन पश्चिम को यह संदेश भी देने की कोशिश करेंगे कि आर्थिक प्रतिबंध लगाकर रूस को अलग-थलग करने की अमेरिका के सभी प्रयास बेअसर साबित हुए हैं। तरह-तरह के आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद वह आगे बढ़ा है। मुश्किल वक्त में उसका साथ देने वाले दोस्त कम नहीं हुए हैं बल्कि वे बढ़ते जा रहे हैं। ब्रिक्स की ही बात करें तो इसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले और शक्तिशाली देश शामिल हैं। अब इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई को शामिल करने के लिए इसका विस्तार कर दिया गया है। यही नहीं, सऊदी अरब को भी इसमें शामिल होने का न्योता मिला है। ब्रिक्स को जी-7 का जवाब माना जाता है। जी-7 में अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, जापान, जर्मनी और कनाडा जैसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले और विकसित देश हैं जिनकी दुनिया की इकॉनमी पर दबदबा और एक तरह से मोनोपली है।
अहम मंच के रूप में उभरा भारत-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत ब्रिक्स के भीतर करीबी सहयोग को महत्व देता है जो वैश्विक विकास एजेंडे से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत और चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है। मोदी ने ब्रिक्स समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के शहर कजान की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले एक बयान में यह बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल नए सदस्यों को जोड़ने के साथ ब्रिक्स के विस्तार से वैश्विक बेहतरी के लिए इसकी समावेशिता और एजेंडा बढ़ा है।
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द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे पीएम
मोदी ने कहा कि वह शिखर सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा को लेकर आशान्वित हैं। रूस द्वारा आयोजित इस शिखर सम्मेलन को यूक्रेन में संघर्ष और पश्चिम एशिया में बिगड़ते हालात के बीच गैर-पश्चिमी देशों द्वारा अपनी ताकत दिखाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। मोदी ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक सहित कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। पिछले वर्ष जोहानिसबर्ग में हुए शिखर सम्मेलन के बाद समूह का यह पहला शिखर सम्मेलन होगा।
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