PM Modi in Laos: लाओस में भारतीय समुदाय ने किया PM मोदी का जोरदार स्वागत, उपहार लेकर पहुंचे थे लोग
PM Narendra Modi in Laos : हाथों पर तिरंगा थामे लोग गर्मजोशी से पीएम का स्वागत करते नजर आए। प्रधानमंत्री के लिए कुछ लोग उपहार लेकर पहुंचे थे। कइयों ने पीएम का ऑट्रग्रॉफ लिया। पीएम बच्चों के बीच गए और उनसे बात की। पीएम मोदी दो दिन के दौरे पर लाओस पहुंचे हैं। इन दो सम्मेलनों में शिरकत करने के अलावा वह राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
विएंतियाने के एक होटल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
PM Narendra Modi in Laos : आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को लाओस पहुंचे। लाओस की राजधानी विएंतियाने पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने के लिए विएंतियाने के होटल डबल ट्री के परिसर में बड़ी संख्या में भारतीय लोग पहले से मौजूद थे। हाथों पर तिरंगा थामे लोग गर्मजोशी से पीएम का स्वागत करते नजर आए। प्रधानमंत्री के लिए कुछ लोग उपहार लेकर पहुंचे थे। कइयों ने पीएम का ऑट्रग्रॉफ लिया। पीएम बच्चों के बीच गए और उनसे बात की। पीएम मोदी दो दिन के दौरे पर लाओस पहुंचे हैं। इन दो सम्मेलनों में शिरकत करने के अलावा वह राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। आसियान और पूर्वी एशिया के देशों के साथ भारत के कई करार और समझौते हो सकते हैं।
‘आसियान’ का वर्तमान अध्यक्ष लाओस
लाओस दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन ‘आसियान’ का वर्तमान अध्यक्ष है। लाओस रवाना होने से पहले जारी एक बयान में मोदी ने कहा कि भारत इस साल ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का दशक पूरा कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं आसियान नेताओं के साथ हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा करूंगा और हमारे सहयोग की भविष्य की दिशा तय करूंगा।’उन्होंने कहा कि पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगा। मोदी ने कहा कि लाओस जनवादी लोकतान्त्रिक गणराज्य (लाओ पीडीआर) समेत क्षेत्र के साथ भारत के करीबी, सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध हैं जो बौद्ध धर्म और रामायण की साझा विरासत से समृद्ध हैं।
यह भी पढ़ें- टकराव का एक और मंच बना दिल्ली CM का बंगला विवाद, AAP के आरोपों पर भाजपा, कांग्रेस, LG ऑफिस का पलटवार
‘एक्ट ईस्ट’ नीति के पूरे हो रहे एक दशक
उन्होंने कहा, ‘मैं लाओ पीडीआर नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों को लेकर आशान्वित हूं जिससे हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया जा सकेगा।’ बाद में मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘21वें आसियान-भारत और 19वें पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के वास्ते लाओ पीडीआर के लिए रवाना हो रहा हूं। यह एक विशेष वर्ष है क्योंकि हम अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक दशक पूरा कर रहे हैं, जिससे हमारे राष्ट्र को काफी लाभ हुआ है।’
आसियान की स्थापना 1967 में हुई
‘एक्ट ईस्ट’ नीति का उद्देश्य द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों पर निरंतर संपर्क के माध्यम से आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को विकसित करना है जिससे राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और लोगों के आपसी संबंध सहित व्यापक अर्थों में बेहतर संपर्क प्रदान किया जा सके। दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) की स्थापना 1967 में हुई थी।
यह भी पढ़ें- शिवदीप लांडे ने दिया इस्तीफा, तो नीतीश कुमार ने कर दिया खेला! पटना बुलाकर सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
आसियान के 10 सदस्य देश
इसके सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, भारत, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और ब्रुनेई दारस्सलाम शामिल हैं।
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आसियान के 10 सदस्य देश और आठ साझेदार देश - ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, रूस और अमेरिका शामिल हो रहे हैं। तिमोर-लेस्ते को ईएएस में पर्यवेक्षक का दर्जा मिला है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। दुनिया (World News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
End of Article
आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited