रूस में पीएम मोदी और जिनपिंग आज करेंगे अहम बैठक, 5 साल बाद हो रही मुलाकात पर दुनिया की निगाहें
पिछले वर्ष अगस्त में भी भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान जोहानिसबर्ग में एक संक्षिप्त और अनौपचारिक बातचीत की थी।
आज होगी मोदी-जिनपिंग मुलाकात
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बुधवार को रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मिलेंगे
- दोनों नेता द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जो मई 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद उनकी पहली बैठक होगी
- भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अपनी सेनाओं द्वारा गश्त करने के समझौते पर सहमति जताई
PM Modi-Jinping Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बुधवार को रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद उत्पन्न होने के बाद उनकी पहली अहम बैठक होगी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसकी जानकारी दी। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी सेनाओं द्वारा गश्त करने के समझौते पर सहमति जताई थी। यह चार साल से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है।
कजान में होगी मोदी-जिनपिंग मुलाकात
मिस्री ने कहा, मैं पुष्टि कर सकता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच कल (बुधवार को) द्विपक्षीय बैठक होगी। नवंबर 2022 में, मोदी और शी जिनपिंग ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा जी-20 नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में एक-दूसरे का अभिवादन किया और संक्षिप्त बातचीत की। पिछले वर्ष अगस्त में भी भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के दौरान जोहानिसबर्ग में एक संक्षिप्त और अनौपचारिक बातचीत की थी।
पीएम मोदी और शी के बीच बैठक कजान में होगी, जो ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का स्थल है। सोमवार को भारत और चीन के बीच गश्त पर हुए समझौते के बारे में पूछे जाने पर मिस्री ने कहा कि तत्काल ध्यान सैनिकों को पीछे हटाने पर होगा और फिर उचित समय पर तनाव कम करने और सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर विचार किया जाएगा।
एलएसी पर झड़प रुकने की उम्मीद
उन्होंने कहा कि इसमें यह शामिल होगा कि चर्चा के तहत लंबित क्षेत्रों में, जहां भी लागू हो, गश्त और चराई गतिविधियां, 2020 की स्थिति में वापस आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि पहले हुए विघटन समझौतों को इन चर्चाओं में फिर से नहीं उठाया गया और सोमवार सुबह हुआ समझौता उन मुद्दों पर केंद्रित था जो पिछले कुछ वर्षों में लंबित रहे थे। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मिस्री ने कहा कि जिस व्यवस्था पर काम किया गया है उससे एलएसी पर अतीत में हुई झड़पों को रोकने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, हमें लगातार प्रयास करना होगा कि समझौते का तंत्र ऐसा हो कि ऐसी झड़पों को रोका जा सके।
2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों एशियाई देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई, जो दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था। पिछले कुछ वर्षों में सैन्य और राजनयिक वार्ता की एक श्रृंखला के बाद दोनों पक्ष कई जगहों से हट गए थे। हालांकि, बातचीत से डेपसांग और डेमचोक का मामला अटका हुआ था। समझा जाता है कि सोमवार को घोषित समझौते से डेपसांग और डेमचोक इलाकों में गश्त की सुविधा मिलेगी।
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