भारत-आसियान संबंधों की मजबूती के लिए PM ने पेश किया 10 सूत्री प्लान, बोले-एक-दूसरे की एकता-संप्रभुता का सम्मान करें सभी देश

Asean Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के एक दशक पूरा होने पर अनेक जन केंद्रित गतिविधियों की घोषणा की जिनमें युवा सम्मेलन, स्टार्टअप उत्सव, ‘हैकाथन’, संगीत उत्सव, आसियान-भारत नेटवर्क ऑफ थिंक टैंक और दिल्ली संवाद शामिल हैं। मोदी ने आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास कोष के तहत आसियान-भारत महिला वैज्ञानिक सम्मेलन के आयोजन की भी घोषणा की।

asean summit

लाओस में आसियान देशों के नेता।

मुख्य बातें
  • आसियान देशों की बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाओस में हैं
  • पीएम ने कहा कि आपस में बात और सहयोग करें आसियान के देश
  • मोदी ने कहा कि देशों को एक दूसरे की संप्रभता का सम्मान करना चाहिए
PM Modi in Laos: आसियान और भारत के संबंधों में मजबूती लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक 10 सूत्रीय प्लान पेश किया है। पीएम ने कहा है कि भारत और आसियान के रिश्तों में मजबूती लाने के लिए इन्हें आपस में संवाद और सहयोग बढ़ाना होगा। यह बात उस समय भी और प्रासंगिक हो जाती है जब दुनिया के कई हिस्सों में युद्ध और तनाव हो। प्रधानमंत्री ने गुरुवार को कहा कि गुट के सभी देशों को एक दूसरे की 'राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता' का सम्मान करना चाहिए। पीएम ने यह बातें लाओस की राजधानी वियेनतिआने में भारत-आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान कहीं।

यह भारत की और आसियान देशों की सदी-पीएम

मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि 21वीं सदी, जिसे एशियाई सदी भी कहा जाता है, भारत की और आसियान देशों की सदी है। वह आसियान देशों के नेताओं को संबोधित कर रहे थे जिनमें मलेशिया, थाइलैंड, ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, म्यांमा, फिलीपीन, वियतनाम, लाओस और सिंगापुर शामिल हैं।
यहां 21वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने 10 साल पहले ‘एक्ट ईस्ट नीति’ की घोषणा की थी और पिछले दशक में इसने भारत और आसियान देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को नयी ऊर्जा, दिशा और गति दी है।

पेश किया 10 सूत्री योजना

उन्होंने सम्मेलन के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘भारत-आसियान शिखर सम्मेलन फलदायी रहा। हमने इस बारे में चर्चा की कि भारत तथा आसियान के बीच समग्र रणनीतिक साझेदारी को और कैसे मजबूत किया जाए। हम व्यापार संबंधों, सांस्कृतिक संबंधों और प्रौद्योगिकी, कनेक्टिविटी तथा ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा बनाने की आशा करते हैं।’ भारत-आसियान साझेदारी को और मजबूत करने के लिए 10 सूत्री योजना में वर्ष 2025 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाना, नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्तियों की संख्या को दोगुना करना और भारत में कृषि विश्वविद्यालयों में आसियान छात्रों के लिए नए अनुदान प्रदान करना शामिल है।

‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में शामिल होने की अपील

प्रधानमंत्री ने ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के एक दशक पूरा होने पर अनेक जन केंद्रित गतिविधियों की घोषणा की जिनमें युवा सम्मेलन, स्टार्टअप उत्सव, ‘हैकाथन’, संगीत उत्सव, आसियान-भारत नेटवर्क ऑफ थिंक टैंक और दिल्ली संवाद शामिल हैं। मोदी ने आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास कोष के तहत आसियान-भारत महिला वैज्ञानिक सम्मेलन के आयोजन की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत आपदाओं से निपटने के लिए जुझारूपन का विस्तार करने के वास्ते 50 लाख डॉलर उपलब्ध कराएगा। प्रधानमंत्री ने आसियान नेताओं को ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में शामिल होने का भी आह्वान किया। भारत-आसियान शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर में समुद्री मुद्दों को लेकर फिलीपीन और चीन के बीच तनाव है तथा म्यांमा में संकट है, जहां जातीय समूह सैन्य शासन से संघर्ष कर रहे हैं।

वार्ता और सहयोग बहुत जरूरी-पीएम

उन्होंने कहा, ‘भारत-आसियान मैत्री, समन्वय वार्ता और सहयोग ऐसे समय में बहुत महत्वपूर्ण है जब विश्व के कई हिस्से संघर्ष और तनाव का सामना कर रहे हैं।’प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और आसियान देश पड़ोसी हैं और ‘वैश्विक दक्षिण’ में साझेदार हैं। उन्होंने कहा, ‘हम शांतिप्रेमी देश हैं और एक दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं तथा क्षेत्र के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ मोदी ने कहा कि आसियान की केंद्रीयता को ध्यान में रखते हुए भारत ने 2019 में हिंद-प्रशांत महासागर पहल शुरू की थी। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल, क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए समुद्री अभ्यास शुरू किए गए।’
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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