प्रधानमंत्री मोदी ने स्वीकार की G-20 की अध्यक्षता, समिट में दिखा भारत का रुतबा
PM Modi in G-20 Summit : समिट की अध्यक्षता भारत को मिलने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अगले जी-20 सम्मेलन का प्रभार संभाल रहा है। इसकी अध्यक्षता भारत को ऐसे समय मिल रही है जब दुनिया भू-राजनीतिक तनाव एवं आर्थिक मंदी से गुजर रही है। दुनिया में खाद्य एवं ऊर्जा की कीमतें बढ़ी हुई हैं।
G-20 Summit : इंडोनेशिया के खुबसूरत शहर बाली में दो दिनों तक चले जी-20 सम्मेलन में भारत की धमक साफ महसूस की गई। दुनिया के विकसित एवं विकासशील देशों के इस संगठन में राष्ट्राध्यक्षों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जो केमेस्ट्री सामने आई उससे साफ संकेत मिला कि भारत के प्रति पुराना रवैया बदल चुका है और वैश्विक मुद्दों पर भारतीय रुख एवं नजरिए को गंभीरता से लिया जाने लगा है। जी-20 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने अगले सम्मेलन का खाका खींचते हुए कहा कि यह समिट समावेशी, आकांक्षा से युक्त, निर्णयकारी एवं नतीजे को प्राप्त करने वाला होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा अगले साल प्रयास होगा कि जी-20 एक समावेशी कार्ययोजना को गति प्रदान करने में एक प्रमुख कारक बने।
अगले साल समिट की अध्यक्षता करेगा भारत
बता दें कि 2023 में जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता भारत को मिली है। पीएम ने मंगलवार को अगले साल होने वाले इस सम्मेलन की अध्यक्षता आधिकारिक रूप से स्वीकार की। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण हासिल करने की जो भावना है वह आज संघर्षों को जन्म दे रही है। बिगड़ते पर्यावरण के लिए भी यह सोच प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। पीएम ने आगे कहा कि भविष्य में पृथ्वी की सुरक्षा के लिए हमें भरोसेमंद कदम उठाने होंगे। इस दिशा में 'लाइफस्टाइल फॉर इन्वायरमेंट' अभियान बड़ी भूमिका निभा सकता है। इसका उद्देश्य एक स्थायी जीवनशैली को एक जन अभियान की शक्ल देना है।
समापन सत्र को पीएम मोदी ने किया संबोधित
समिट की अध्यक्षता भारत को मिलने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अगले जी-20 सम्मेलन का प्रभार संभाल रहा है। इसकी अध्यक्षता भारत को ऐसे समय मिल रही है जब दुनिया भू-राजनीतिक तनाव एवं आर्थिक मंदी से गुजर रही है। दुनिया में खाद्य एवं ऊर्जा की कीमतें बढ़ी हुई हैं। हम अभी कोरोना महामारी के संकट से पूरी तरह अभी उबर नहीं पाए हैं। ऐसे में दुनिया जी-20 की तरफ उम्मीद के साथ देख रही है।
उन्होंने कहा, ‘अगले एक साल में हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि जी-20 नये विचारों की परिकल्पना तथा सामूहिक कार्रवाई को तेज करने के लिए प्रमुख वैश्विक प्रवर्तक के रूप में काम करे।’ मोदी ने कहा, ‘प्राकृतिक संसाधनों पर स्वामित्व की भावना आज के समय संघर्ष बढ़ा रही है और पर्यावरण की दशा का मुख्य कारण बन गयी है। पृथ्वी के सुरक्षित भविष्य के लिए संरक्षण की भावना ही समाधान है।’
टिकाऊ जीवनशैली को जन-आंदोलन बनाएंगे-पीएम
मोदी ने कहा कि ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली’ (लाइफ) अभियान इसमें बड़ा योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा, ‘इसका उद्देश्य टिकाऊ जीवनशैली को जन-आंदोलन बनाना है।’ प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि विकास के फायदे सार्वभौमिक और सर्व-समावेशी हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें विकास के लाभों को मम-भाव और सम-भाव से मानव-मात्र तक पहुंचाना होगा। वैश्विक विकास महिलाओं की भागीदारी के बिना संभव नहीं है।’
20 विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का अंतर-सरकारी मंच
मोदी ने कहा कि जी-20 को शांति और सौहार्द के पक्ष में एक दृढ़ संदेश देना होगा। उन्होंने कहा, ‘ये सभी प्राथमिकताएं, भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम - ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’– में पूर्ण रूप से समाहित हैं। उन्होंने कहा कि जी-20 दुनिया की बड़ी विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का अंतर-सरकारी मंच है। इसके सदस्यों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।
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