'यह समय युद्ध का नहीं है, समस्या का समाधान जंग के मैदान से नहीं निकलेगा', ईस्ट एशिया समिट में बोले PM मोदी

Narendra Modiat East Asia Summit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर कहा है कि 'यह समय युद्ध का नहीं है और समस्या का समाधान जंग के मैदान में नहीं हो सकता।' युद्ध लड़ रहे देशों को संदेश देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जंग की जगह बातचीत और कूटनीति को प्राथमिकता देनी चाहिए।

PM Narendra Modi

ईस्ट एशिया समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

मुख्य बातें
  • आसियान, ईस्ट एशिया समिट में हिस्सा लेने के लिए लावोस गए हैं पीएम मोदी
  • अपनी इस यात्रा के दूसरे दिन पीएम ने ईस्ट एशिया समिट को संबोधित किया
  • पीएम ने फिर कहा कि यह समय युद्ध का नहीं है, समस्या का हल जंग से नहीं
Narendra Modiat East Asia Summit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर कहा है कि 'यह समय युद्ध का नहीं है और समस्या का समाधान जंग के मैदान में नहीं हो सकता।' युद्ध लड़ रहे देशों को संदेश देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जंग की जगह बातचीत और कूटनीति को प्राथमिकता देनी चाहिए। पीएम ने यह बातें शुक्रवार को 19वें ईस्ट एशिया समिट को संबोधित करते हुए कहीं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के एक्ट इस्ट पॉलिसी के लिए यह समिट एक स्तंभ है। पीएम ने कहा, 'मैं भगवान बुद्ध की धरती से आया हूं। मैं कई बार कह चुका हूं कि यह समय युद्ध का नहीं है। समस्याओं का समाधान जंग के मैदान से नहीं निकल सकता।'

संघर्षों का असर ग्लोबल साउथ के देशों पर सबसे ज्यादा-पीएम

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में संघर्ष चल रहे हैं और इसका सबसे बुरा नकारात्मक असर ग्लोबल साउथ के देशों पर हो रहा है। इसलिए संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करना जरूरी है। पीएम ने यूरेशिया एवं पश्चिम एशिया में शांति एवं स्थिरता लाने का भा आह्वान किया।

'हमारा दृष्टिकोण विकासवाद का होना चाहिए'

पीएम ने आगे कहा, 'हमारा मानना है कि समुद्री गतिविधियां संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (यूएनसीएलओएस) के तहत संचालित की जानी चाहिए। नौवहन और वायु क्षेत्र की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना आवश्यक है। एक मजबूत और प्रभावी आचार संहिता बनाई जानी चाहिए। और इससे क्षेत्रीय देशों की विदेश नीति पर कोई अंकुश नहीं लगना चाहिए। हमारा दृष्टिकोण विकासवाद का होना चाहिए, न कि विस्तारवाद का।'

पीएम ने 'तूफान यागी' का जिक्र किया

अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने 'तूफान यागी' से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना भी व्यक्त की। यागी एक विनाशकारी उष्णकटिबंधीय चक्रवात था, जिसने इस वर्ष सितंबर में दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिण चीन को प्रभावित किया था। मोदी ने कहा, 'इस कठिन समय में हमने ऑपरेशन सद्भाव के जरिये मानवीय सहायता प्रदान की है।' उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) की एकता और प्रमुखता का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि आसियान भारत के हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण और क्वाड सहयोग के केन्द्र में भी है।

अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन, राष्ट्र प्रमुखों से मुलाकात

प्रधानमंत्री ने लाओस की राजधानी में आयोजित पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ शुक्रवार को बातचीत की। मोदी ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन से इतर ब्लिंकन से मुलाकात की। इसके अलावा वह जापान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच बुनियादी ढांचे, संपर्क और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने तथा सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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