पाकिस्तान में एक बार फिर खड़ा हो सकता है राजनीतिक संकट, चुनाव में देरी की मांग वाला प्रस्ताव पास
Pakistan News: डॉन समाचार पत्र की खबर के अनुसार यह प्रस्ताव केवल 14 सांसदों की मौजूदगी में पारित किया गया। ठंड के मौसम और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
नवाज शरीफ
बता दें, पाकिस्तान की संसद के उच्च सदन सीनेट ने ठंड के मौसम और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए आम चुनाव में देरी किये जाने की मांग करने संबंधी एक प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। निर्दलीय सांसद दिलावर खान ने उच्च सदन में यह प्रस्ताव पेश किया ,जिसे पारित कर दिया गया। वहीं, सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी ने इस कदम का विरोध किया।
केवल 14 सांसदों की मौजूदगी में पास हुआ प्रस्ताव
सांसद खान ने कहा कि देश के ज्यादातर क्षेत्रों में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है, इसलिए उन क्षेत्रों के लोगों का चुनाव में भाग ले पाना संभव नहीं होगा। सुरक्षा स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है और राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है, जिसमें जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) प्रमुख फजलुर रहमान पर हमले की घटना भी शामिल है। उन्होंने कहा, यहां तक कि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा (प्रांत) में भी सुरक्षा बलों पर हमला किया जा रहा है। डॉन समाचार पत्र की खबर के अनुसार यह प्रस्ताव केवल 14 सांसदों की मौजूदगी में पारित किया गया। सीनेट के इस कदम से देश में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता बढ़ने की आशंका है।
इमरान खान ने 8 फरवरी को आम चुनाव पर जताया संदेह
इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होने पर संदेह जताया और 2022 में उन्हें सत्ता से अमेरिका के दबाव में हटाये जाने की बात दोहराई। पाकिस्तान सरकार और अमेरिकी विदेश विभाग खान के आरोपों को पहले ही खारिज कर चुका है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक खान रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। उन्हें तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया है और उन पर कई अन्य मामलों में भी मुकदमा चल रहा है। पाकिस्तान में चुनावों के बारे में पूछे गये सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, हम पाकिस्तान में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव संपन्न होते देखना चाहते हैं। मिलर ने बृहस्पतिवार को वाशिंगटन में कहा था, यह अमेरिका का काम नहीं है कि वह पाकिस्तान को निर्देश दे कि उसे किस तरह चुनाव कराना चाहिए। हम केवल स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न होते देखना चाहते हैं।
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