राष्ट्रपति के दिमाग में भरा है कचरा, कूटनीति के मामले में हैं मूर्ख- विवाद के बीच पड़ोसी मुल्क से आई तीखी टिप्पणी
North Korea-South Korea Controversy Row: दरअसल, पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूं ने कहा था कि अगर उत्तर कोरिया और रूस हथियार समझौता करते हैं और उससे दक्षिण कोरिया को खतरा पैदा होता है तो वह ‘‘शांत नहीं बैठेंगे’’।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
North Korea-South Korea Controversy Row: उत्तर कोरिया ने रूस के साथ सैन्य संबंध पर उसे चेतावनी देने को लेकर सोमवार को दक्षिण कोरिया की निंदा की। साथ ही देश के राष्ट्रपति यूं सुक येओल को ‘‘एक ऐसा शख्स बताया जिसके दिमाग में कचरा भरा है।’’ यही नहीं, नॉर्थ कोरिया की ओर से इस दौरान उन्हें ‘‘कूटनीति के मामले में मूर्ख’’ भी कहा गया। उत्तर कोरिया के आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने कहा, ‘‘कठपुतली विश्वासघाती यूं सुक येओल ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में (उत्तर कोरिया) रूस के बीच संबंधों को बदनाम किया।’’संबंधित खबरें
रूस के साथ संभावित हथियार समझौते के बारे चिंताओं के बारे में कोई बात किए बिना केसीएनए ने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ करीबी संबंध बनाए रखना ‘‘स्वाभाविक’’ और ‘‘वैध अधिकार’’ है। केसीएनए ने कहा, ‘‘यह अपने आप में एक साक्ष्य है कि ऐसा कचरा भरे दिमाग वाला व्यक्ति (उत्तर कोरिया)-रूस मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास के गहरे और विशाल अर्थ को नहीं समझ सकता है।’’संबंधित खबरें
केसीएनए की ओर से आगे बताया गया, ‘‘दुनिया में कोई भी इस कठपुतली विश्वासघाती यूं सुक येओल की बातों पर ध्यान नहीं देगा, जो सिर्फ राजनीतिक में अपनी अपरिपक्वता, ‘कूटनीतिक रूप से बेवकूफ’ और अक्षम मुख्य कार्यकारी के तौर पर बदनाम है।’’दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय के प्रवक्ता कू ब्यूंगसम ने कहा कि केसीएनए के अपमान ने उत्तर कोरिया की ‘‘घटिया व्यवस्था का प्रदर्शन किया है जिसमें बुनियादी शिष्टाचार और सामान्य ज्ञान का अभाव है’’। पिछले साल कार्यभार संभालने के बाद से येओल ने दक्षिण कोरिया की सैन्य क्षमता और अमेरिका के साथ सुरक्षा संबंध को मजबूत करने का प्रयास किया है।संबंधित खबरें
दरअसल, पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूं ने कहा था कि अगर उत्तर कोरिया और रूस हथियार समझौता करते हैं और उससे दक्षिण कोरिया को खतरा पैदा होता है तो वह ‘‘शांत नहीं बैठेंगे’’। इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात और अहम सैन्य स्थलों की यात्रा के लिए उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की रूस यात्रा को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता जताई गई थी और आशंका जताई जा रही थी कि यूक्रेन के साथ युद्ध के कारण खत्म हुई रूस की पारंपरिक हथियारों के भंडार को फिर से भरने के बदले में उत्तर कोरिया रूस पर परिष्कृत परमाणु और हथियार प्रौद्योगिकियों को प्राप्त करने के लिए दबाव डाल सकता है।संबंधित खबरें
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टाइम्स नाउ नवभारत author
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