G-7 Summit: जापान के हिरोशिमा पहुंचे पीएम मोदी, जी-7 सम्मेलन में करेंगे शिरकत

मोदी जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर जापान पहुंचे हैं और जी-7 सम्मेलन में भाग लेंगे।

PM Modi in Japan

जापान पहुंचे पीएम मोदी

PM Modi in Japan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 शिखर सम्मेलन के लिए जापान के हिरोशिमा पहुंच गए हैं। मोदी जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर जापान पहुंचे हैं और जी-7 सम्मेलन में भाग लेंगे। जी-7 में जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और इटली के साथ-साथ यूरोपीय संघ भी शामिल हैं। कई अन्य देशों को भी सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है जिनमें ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, भारत, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया अतिथि देशों के रूप में सम्मेलन में भाग लेंगे।

क्वाड बैठक में भी लेंगे हिस्साप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी7 समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन और चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) समूह के नेताओं की बैठक में भाग लेने के लिए शुक्रवार को हिरोशिमा पहुंचे। मोदी जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की तीन देशों की यात्रा के पहले चरण के तहत यहां पहुंचे हैं और उनके इस दौरान 40 से अधिक कार्यक्रमों में भाग लेने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि मोदी शिखर सम्मेलनों में विश्व के 24 से अधिक नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें द्विपक्षीय बैठकें भी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने तीन देशों की छह-दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले एक बयान में कहा कि वह जी7 देशों और अन्य आमंत्रित साझेदारों के साथ दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों और उनसे सामूहिक रूप से निपटने की जरूरत पर विचारों के आदान-प्रदान को लेकर उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि मैं हिरोशिमा जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा, इस जी7 शिखर सम्मेलन में मेरी उपस्थिति विशेष रूप से मायने रखती है क्योंकि इस साल जी20 की अध्यक्षता भारत के पास है। मैं जी7 देशों और अन्य आमंत्रित भागीदारों के साथ दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों और उन्हें सामूहिक रूप से संबोधित करने की आवश्यकता पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए उत्सुक हूं।

19 मई से 21 मई तक हिरोशिमा में रहेंगेमोदी मुख्य रूप से जी7 के वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए 19 मई से 21 मई तक हिरोशिमा में रहेंगे, जिसमें उनके खाद्य, उर्वरक और ऊर्जा सुरक्षा समेत विश्व के सामने मौजूद चुनौतियों पर अपने विचार रखने की संभावना है। मोदी हिरोशिमा जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले विश्व के कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं। जी7 में जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और इटली के साथ-साथ यूरोपीय संघ शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी, जापान से पोर्ट मोरेस्बी की यात्रा पर जायेंगे, जहां वह 22 मई को पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारपे के साथ फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स को-ऑपरेशन (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन की संयुक्त रूप से मेजबानी करेंगे।

किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पापुआ न्यू गिनी की यह पहली यात्रा होगी। अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में 22 से 24 मई तक प्रधानमंत्री सिडनी जाएंगे। ऑस्ट्रेलिया की अपनी यात्रा के दौरान मोदी 24 मई को वहां (आस्ट्रेलिया) के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी 23 मई को सिडनी में एक सामुदायिक कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और प्रमुख कारोबारियों के साथ बातचीत करेंगे तथा भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित भी करेंगे। क्वाड सम्मेलन पहले सिडनी में होना था, लेकिन अब यह हिरोशिमा में होगा।

परमाणु बम विस्फोट में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलिविश्व के अन्य नेता जापान पहुंच चुके हैं। इन्होंने दुनिया के पहले युद्धकालीन परमाणु बम विस्फोट में मारे गए हजारों लोगों को समर्पित एक शांति उद्यान का शुक्रवार को दौरा किया। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने बताया कि उन्होंने मार्च में कीव की अपनी यात्रा के दौरान जेलेंस्की को जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। जेलेंस्की शुक्रवार को भी जी7 देशों के नेताओं की बैठक में डिजिटल माध्यम से शामिल होंगे, जिसमें नेताओं को युद्ध क्षेत्र की ताजा स्थिति से अवगत कराया जाएगा और वे रूस के युद्ध संबंधी प्रयासों को बाधित करने की अपनी कोशिशों को तेज करने पर सहमति जताएंगे।

रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का खुलासा होगा

अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि सामूहिक तस्वीर खिंचवाने और सांकेतिक पौधारोपण के बाद रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का खुलासा किया जाएगा और उस पर पहले से लगाए गए प्रतिबंधों को लागू करने के प्रयास दोगुने करने एवं उसे जवाबदेह बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अमेरिका के एक अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर बताया कि अमेरिका की ओर से की जानी वाली कार्रवाई के तहत रूस के रक्षा उत्पादन से जुड़ी रूसी और अन्य देशों की करीब 70 संस्थाओं को काली सूची में डालना और 300 से अधिक व्यक्तियों, संस्थाओं, विमानों व पोतों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है।

अधिकारी ने बताया कि जी7 के अन्य देश भी रूस को और अलग-थलग करने तथा यूक्रेन पर हमला करने की उनकी क्षमताओं को कमजोर करने के लिए इस प्रकार के कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में जी7 के गैर-सदस्य अतिथि देशों के नेताओं को भी यह समझाने की कोशिश की जाएगी कि प्रतिबंधों को लागू करना इतना महत्वपूर्ण क्यों है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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