सिंधु नदी से नहर निकालने की तैयारी में थी पाक सरकार, अपनों ने शुरू कर दिया विरोध; वकीलों ने कर दिया अदालतों का बहिष्कार

पाकिस्तानी सरकार ने ग्रीन पाकिस्तान इनिशिएटिव के तहत 3.3 अरब डॉलर की लागत से छह नहरों का निर्माण करने की योजना बनाई है, जिससे दक्षिण पंजाब में 12 लाख एकड़ कथित बंजर भूमि को सिंचित किया जाएगा।

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पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ (फाइल फोटो)

पाकिस्तान सरकार सिंधु नदी से एक नहर निकालने की तैयारी में है, इसके लिए पाक सरकार ने घोषणा भी कर दी है, लेकिन इस परियोजना को लेकर अब पाकिस्तान में ही विरोध शुरू हो गया है, वो भी बड़े पैमाने पर। वकीलों ने सिंधु नहर परियोजना के खिलाफ अदालतों का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है।

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वकीलों ने दी पाक सरकार को चेतावनी

सिंध हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (एसएचसीबीए) और कराची बार एसोसिएशन (केबीए) के पदाधिकारी इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। सोमवार को कराची बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वकील आमिर नवाज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सिंध के सभी बार एसोसिएशनों की बैठक में धरने को और बड़ा करने का फैसला लिया गया। इसके तहत अब अदालतों में कामकाज का बहिष्कार किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर संघीय सरकार ने 72 घंटों के भीतर नहर परियोजना को रद्द करने की अधिसूचना जारी नहीं की, तो वकील रेलवे पटरियों को अवरुद्ध करेंगे।

पीपीपी पर दवाब बनाने की तैयारी

आमिर नवाज ने यह भी कहा कि अगर सरकार ने परियोजना रद्द नहीं की, तो वे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) से सरकार का साथ छोड़ने की मांग करेंगे। उन्होंने बताया कि यह धारणा गलत है कि केवल वकील ही इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। इसके खिलाफ एक-दो दिन बाद सिंध में डॉक्टर एक दिन की हड़ताल करेंगे। हैदराबाद के एसएचसीबीए अध्यक्ष वकील अयाज हुसैन तुनियो ने एक स्थानीय न्यूज चैनल को बताया कि 72 घंटे की समय सीमा खत्म होने के बाद सुक्कुर जिले के रोहरी से रेलवे पटरियों को अवरुद्ध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठक में यह भी चर्चा हुई कि प्रांत में कुछ रास्तों से हो रहे अंतर-प्रांतीय यातायात को पूरी तरह बंद करना जरूरी है।

क्यों हो रहा है विरोध

इस परियोजना के खिलाफ विरोध केवल वकीलों तक सीमित नहीं है। पाकिस्तान के चिकित्सा संस्थानों में भी इसका असर दिखा। चांदका मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) के छात्रों ने सभी दलों के छात्र कार्यकर्ता समिति के बैनर तले कॉलेज परिसर में प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार से इस योजना को वापस लेने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह परियोजना सिंध की उपजाऊ जमीन को बर्बाद कर देगी, आर्थिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाएगी, पर्यावरण को प्रभावित करेगी और सिंधु डेल्टा व सभ्यता को खतरे में डालेगी। पाकिस्तान पैरामेडिकल स्टाफ एसोसिएशन ने भी सीएमसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में नहरों के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने इसे साजिश करार देते हुए कहा कि उनकी संस्था इसे कामयाब नहीं होने देगी। उन्होंने चेतावनी दी कि चोलिस्तान के रेगिस्तान को सिंचित करने के लिए सिंध की हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन को बंजर करना मूर्खतापूर्ण होगा।

पाकिस्तान की योजना

पाकिस्तानी सरकार ने ग्रीन पाकिस्तान इनिशिएटिव के तहत 3.3 अरब डॉलर की लागत से छह नहरों का निर्माण करने की योजना बनाई है, जिससे दक्षिण पंजाब में 12 लाख एकड़ कथित बंजर भूमि को सिंचित किया जाएगा। हालांकि, सिंध प्रांत ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है। सिंध सरकार को आशंका है कि इन नहरों के निर्माण से सिंधु नदी से उसके हिस्से का पानी कम हो जाएगा।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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