चीन में बवाल: जिनपिंग के अड़ियल रवैये से बिगड़ी बात,ये गलतियां पड़ रही हैं भारी
Protest In China Against Xi Jinping: चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र के अपार्टमेंट आग लगने के बाद से लोगों का गुस्सा जिनपिंग के खिलाफ बढ़ता चला गया। लोगों का आरोप है कि आग से बचने के लिए लोग बाहर की तरफ भाग रहे थे। लेकिन लोगों को सख्त कोविड नीति के कारण रोक दिया गया। जिसकी वजह से 10 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी ।
संकट में शी जिनपिंग
- चीन में सख्त कोविड नीति के कारण लोगों का जीना दूभर है। । बीते रविवार को करीब 40,000 नए मामले सामने आए।
- कुछ दिन पहले चीन के बैंकों में संकट खड़ा हो गया। लोगों को अपने पैसे निकालने तक की रोक लगा दी गई थी।
- हालात ऐसे हैं कि लोगों के पास अपने घर की EMI देने के लिए पैसा नहीं है।
Protest In
यही कारण है कि 1989 के बाद से चीन में सत्ता विरोधी या लोकतंत्र समर्थक आंदोलन नहीं हुआ था। थियानमेन चौक में हुए इस छात्र आंदोलन को दबाने के लिए कम्युनिस्ट सरकार ने ऐसी बर्बरता दिखाई थी कि करीब 10 हजार लोगों की मौत हो गई थी। जिस तरह कई शहरों में जिनपिंग के खिलाफ आंदोलन हो रहे हैं, ऐसे में अब यह सवाल उठने लगे हैं कि चीनी राष्ट्रपति विरोध को दबाने के लिए क्या सख्त उठाएंगे ?
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अपार्टमेंट में लगी आग के बाद भड़का गुस्सा
चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र के अपार्टमेंट आग लगने के बाद से लोगों का गुस्सा जिनपिंग के खिलाफ बढ़ता चला गया। 24 नवंबर को चीन के शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी के एक अपार्टमेंट के 15वें फ्लोर पर आग लग गई थी। आग से बचने के लिए लोग बाहर की तरफ भाग रहे थे। लेकिन लोगों को सख्त कोविड नीति के कारण रोक दिया गया। जिसकी वजह से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी । यही नहीं लॉकडाउन के कारण आग रोकने में देरी हुई। इस हादसे में 10 लोगों की मौत हुई। उरुमकी में इस हादसे का वीडियो चीन के सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
कई शहरों में प्रदर्शन
इसके बाद से चीन के कई शहरों में कोविड-19 संबंधी प्रतिबंधात्मक कदमों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए। न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार झाओ नाम के एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि उसके एक मित्र को पुलिस ने पीटा और उसके दो मित्रों के खिलाफ मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया गया। उसने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने शी चिनफिंग, इस्तीफा दो, कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता छोड़ो, शिनजियांग से प्रतिबंध हटाओ, चीन से प्रतिबंध हटाओ, हम पीसीआर (जांच) नहीं कराना चाहते, स्वतंत्रता चाहते हैं और प्रेस की स्वतंत्रता सहित कई नारे लगाए। उरुमकी में तीन महीने से अधिक समय से लागू लॉकडाउन के खिलाफ रात में भारी प्रदर्शन हो रहे हैं।
सोशल मीडिया और ट्विटर पर उपलब्ध कई वीडियो में लोग शंघाई समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन करते और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) तथा देश के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए।ऐसा बताया जा रहा है कि कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
कोविड ही नहीं ये हालात भी जिम्मेदार
आम तौर चीन में जीनपिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की वजह सख्त कोविड नीति को माना जा रहा है। लेकिन अगर पिछले कुछ समय से चीन की आर्थिक खबरों को देखा जाय तो कई चीजें सामने नजर आती है। मसलन में अभी कुछ दिन पहले चीन के बैंकों में संकट खड़ा हो गया। लोगों को अपने पैसे निकालने तक की रोक लगा दी गई थी। जिसके खिलाफ बड़े पैमाने पर कई शहरों में प्रदर्शन हुए थे।
इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर ने हालात बिगाड़ दिए हैं। लोगों के पास अपने घर की EMI देने के लिए पैसा नहीं है। कई शहरों में इस साल प्रॉपर्टी के दाम 20 प्रतिशत से ज्यादा गिरे हैं। हाल के महीनों में बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां गई हैं। चीन में रोजगार संकट बढ़ता जा रहा है। हालात यह हैं कि चीन में 16 से 24 साल का हर पांचवां युवा बेरोजगार है।
जिनपिंग की जिद पड़ रही है भारी
चीन में सख्त कोविड नीति के कारण लोगों का जीना दूभर है। WHO भी कह चुका अब दुनिया से कोरोना खत्म होने की कगार पर है। लेकिन चीन में अभी भी कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। बीते रविवार को करीब 40,000 नए मामले सामने आए। शंघाई जैसे प्रमुख शहरों में संक्रमण के मामलों में अप्रैल के बाद सबसे अधिक तेजी आई है।
असल में चीन में कोरोना बढ़ने की एक बड़ी वजह कारगर वैक्सीन का नहीं होना है। चीन ने कोरोना पर लगाम कसने के लिए घरेलू वैक्सीन पर भी भरोसा किया। जिनपिंग ने भारत सहित दुनिया के प्रमुख देशों की वैक्सीन का आयात नहीं किया। जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। बढ़ती सख्ती के कारण लोगों का दबा गुस्सा अब बाहर निकल रहा है।
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