पुतिन के तेवर और हुए खतरनाक, हड्डियों को गलाने वाले हथियार का इस्तेमाल
रूस के राष्ट्रपति पुतिन किस हद तक आक्रामक हो चले हैं उसका अंदाजा यूक्रेन में तबाही की तस्वीरों से लगाया जा सकता है। डोनेस्क के बखमुट में रूस की तरफ से फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल किया गया है जो इंसानों की हड्डियों को गला देता है।
रूस और यूक्रेन की जंग(russia ukraine war) में पुतिन ने एक बार फिर छोड़ दिया है अपना ब्रह्मास्त्र एक ऐसा बम जो इंसानों की हड्डी तक गला देता है।यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि जंग में हताश पुतिन ने एक बार फिर उसके निर्दोष लोगों पर फास्फोरस बम से हमला किया है। सवाल यही है कि फास्फोरस बम कितना खतरनाक होता है। रूस और यूक्रेन की जंग की हद 9 महीना पार हो चुकी है। इस दौरान यूक्रेन की ज़मीन और आसमान पर हजारों टनों के हिसाब से बारूद जला, सैकड़ों टन के हिसाब से गोलिया चल चुकी हैं, और हजारों की तादाद में रॉकेट और मिसाइलों(rockets missile attacks) ने आसमानी रास्तों से होते हुए यूक्रेन का कलेजा छलनी किया है लेकिन इस दौरान जिस सबसे खतरनाक हथियार का इस्तेमाल रूस की सेना ने किया है वो है फॉस्फोरस(phosphorus bomb) बम गुस्साए पुतिन ने एक बार फिर यूक्रेन पर आग वाले अंगारे बरसाए हैं।
फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल
- रूस का यूक्रेन पर फास्फोरस बम से हमला
- डोनेस्क के बखमुट में गिराया फास्फोरस बम
- यूक्रेन ने वीडियो जारी करके लगाया आरोप
- फास्फोरस बम में बरसते हैं अंगारे
- 800 डिग्री सेल्सियस तक तापमान होता है
- रुस पहले भी गिरा चुका है फास्फोरस बम
- जहां बम गिरा वहां 20 फीसदी आबादी
बखमुट में रह रही 20 फीसद आबादी
बखमुट में जहां रूस ने ये फॉस्फोरस बम गिराया है वहां अब भी 20 फीसदी आबादी रह रही है--हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब पुतिन ने यूक्रेन पर फॉस्फोरस बम से हमला किया है डोनेस्क से पहले सूमी और लुहांस्क में भी पुतिन फॉस्फोरस बम गिरा चुके हैं।पुतिन के केमिकल बम से हमले के बाद अब सिर्फ परमाणु बम ही बचता है लेकिन जहां तक फॉस्फोरस बम का सवाल है तो ये भी कम खतरनाक नहीं कैसे उसे भी समझिए--इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेडक्रास यानि ICRC के मुताबिक व्हाइट फॉस्फोरस बम हवा में जलता हुआ फॉस्फोरस फैलाता है। जब खुली जगह पर फॉस्फोरस गिराया जाता है तो वो सैकड़ों किलोमीटर के दायरे में फैल जाता है। ये फॉस्फोरस तब तक जलता रहता है जब तक ऑक्सीजन खत्म नहीं होती। जो इसके संपर्क में आता है जलन से उसके अंदरुनी अंग डैमेज हो जाते हैं। मतलब फॉस्फोरस बम के जो भी संपर्क में आता है उसके बचने की गुंजाइश ना के बराबर होती है।
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