Vladimir Putin: 71 साल की उम्र में 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बनने को तैयार हैं पुतिन, संविधान में कर चुके हैं बदलाव

Vladimir Putin: केजीबी का एजेंट रह चुके पुतिन रूस की सत्ता में बने रहने के लिए संविधान में संशोधन में करवा चुके हैं। 2004 में पुतिन पहली बार राष्ट्रपति चुने गए थे। इसके बाद 2008 में भी जीते, इसके बाद जब तीसरे कार्यकाल की बारी आई तो संविधान राह में रोड़ा बन गया।

Vladimir Putin

पांचवीं बार रूस की सत्ता संभालने को तैयार पुतिन

Vladimir Putin: रूस के वर्तमान राष्ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन एक बार और सत्ता संभालने की तैयारी कर रहे हैं। पुतिन चार बार रूस के राष्ट्रपति रह चुके हैं, अब पांचवीं बार चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुके हैं। पुतिन की जीत निश्चित मानी जा रही है। यूक्रेन के साथ जंग के बीच पुतिन का रूस की सत्ता में बने रहना, अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए बड़े खतरे की घंटी है। जो इस जंग में यूक्रेन के साथ है, कहा जा रहा है कि जंग के बीच रूस में पुतिन को कोई चुनौती देने वाला भी नहीं दिख रहा है। यानि कि चुनाव एक औपचारिकता भर है।

जीत की गारंटी क्यों

हाल ही में जब येवगेनी प्रिगोझिन ने पुतिन के खिलाफ बगावत की थी, तब कहा जाने लगा था कि पुतिन अपनी पकड़ खोने लगे हैं, लेकिन कुछ दिनों के अंदर ही येवगेनी की एक प्लेन हादसे में मौत हो गई और इसी बीच पुतिन की पकड़ और मजबूत हो गई। यूक्रेन के साथ जंग के दौरान जरूर कुछ विरोध देखने को मिला था, लेकिन इससे पुतिन के सपोर्ट में कोई कमी आती नहीं दिख रही है।

खराब सेहत की अटकलें

यूक्रेन के साथ जब से जंग शुरू हुई है, पुतिन की सेहत को लेकर अटकलें लगती रहीं हैं। कभी हार्ट अटैक की, कभी कैंसर की तो कभी सार्वजनिक समारोह में अचानक से गिरने की। पुतिन की उम्र 71 साल हो चुकी है। इस उम्र में भी पुतिन काफी फिट दिखते रहे हैं। इस बार पुतिन सत्ता में वापसी करते हैं तो 2030 तक वो कम से कम सत्ता में बने रहेंगे।

संविधान में बदलाव

केजीबी का एजेंट रह चुके पुतिन रूस की सत्ता में बने रहने के लिए संविधान में संशोधन में करवा चुके हैं। 2004 में पुतिन पहली बार राष्ट्रपति चुने गए थे। इसके बाद 2008 में भी जीते, इसके बाद जब तीसरे कार्यकाल की बारी आई तो संविधान राह में रोड़ा बन गया। 1993 का रूस का संविधान कहता है कि कोई भी लगातार तीन बार राष्ट्रपति नहीं बन सकता। जिसके बाद पुतिन प्रधानमंत्री बन गए और अपने खास दिमित्री मेदवेदेव को राष्ट्रपति बना दिया। तब संविधान में संशोधन हुआ और राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 साल की जगह 6 साल हो गया। इसके बाद 2012 में पुतिन फिर से राष्ट्रपति बनें, 2018 में चौथी बार और फिर 2020 में फिर से संविधान संशोधन करके 2036 तक चुनाव लड़ने का रास्ता साफ कर दिए।
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शिशुपाल कुमार author

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