पुतिन के एक फैसले से दुनिया में मच गया हाहाकार, अमेरिका से लेकर NATO सभी लगे गिड़गिड़ाने

Russia-Ukraine War : रूस ने आरोप लगाया कि ब्रिटेन के सहयोग से यूक्रेन ने एक सिविल शिप पर ड्रोन अटैक किया है। रूस का कहना है कि ब्रिटेन की मदद से यूक्रेन ने 9 ड्रोन और 7 अनमैनड मेरीटाइम व्हीकल से हमला किया। हमला क्रीमिया के राजधानी सेवेस्तोपोल से सटे ब्लैक सागर में रूसी नौसेना के जंगी बेड़े और सिविल जहाज पर किया गया।

मुख्य बातें
  • गत 23 जुलाई को रूस और यूक्रेन के बीच तुर्की में एक मिरर समझौता हुआ था
  • इस समझौते के तहत यूक्रेन ने काला सागर से अनाज का निर्यात शुरू किया
  • समझौते के तहत ओडेसा समेत 3 बंदरगाहों से जहाजों का आना-जाना शुरू हुआ

Russia-Ukraine War : यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिस से दुनिया में हाहाकार मच गया है। दरअसल रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद खाद्यान्न और खाद की ग्लोबल सप्लाई पर असर पड़ा था जिसके बाद यूनाइटेड नेशन ने एक रास्ता निकाला था, जिसके तहत रूस और यूक्रेन के बीच 23 जुलाई को तुर्की में एक मिरर समझौता हुआ था। मिरर समझौता यानी वो समझौता जिसे बिना किसी बदलाव के स्वीकार किया जाता है। इस समझौते के तहत यूक्रेन ने काला सागर (ब्लैक सी) से अनाज का निर्यात शुरू किया।

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जहाजों के लिए बना था सुरक्षित कॉरिडोर

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रूस ने अनाज ले जाने के लिए ब्लैक सी में जहाजों के लिए सुरक्षित कॉरिडोर के लिए राजी हुआ। यूक्रेन भी रूस के अनाज और खाद से भरे जहाजों पर हमला नहीं करेगा। यूक्रेन के ओडेसा समेत 3 बंदरगाहों से जहाजों का आना-जाना शुरू हुआ। यूक्रेन से निकलने वाले जहाजों से हथियार सप्लाई ना हो इसकी जांच तुर्की करेगा। इसके लिए ज्वाइंट कोऑर्डिनेशन सेंटर बनाया गया, जिस में UN, रूस, यूक्रेन, तुर्की के अधिकारी शामिल हैं। ये समझौता 19 नवंबर 2022 तक के लिए था, जिसे बाद में आगे बढ़ाया जाना था। इस समझौते के बाद यूक्रेन से लाखों टन अनाज और खाद की सप्लाई शुरू हुई, यूक्रेन जाने वाले जहाजों की जांच भी की जाती थी कि उस में हथियारों की सप्लाई तो नहीं हो रही है। सब ठीक चल रहा था लेकिन 29 अक्टूबर को क्रीमिया में ब्लैक सी में एक रशियन सिविल शिप पर ड्रोन अटैक हुआ।

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