म्यूनिख में 'रसधारा' के रंग में रंगे लोग, बिखरी बिहार-झारखंड की सांस्कृतिक छटा
बिहार और झारखंड बिरादरी म्यूनिख द्वारा आयोजित 'रसधारा' कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न हुआ। अपने वार्षिक स्थापना दिवस समारोह के मौके पर संस्था ने सांस्कृतिक कार्यक्रम किए और सामूदायिक भावना को आगे बढ़ाया। कार्यक्रम में म्यूनिख में भारत के राजदूत (सीजीआई) शत्रुघ्न सिन्हा बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
म्यूनिख में 'रसधारा' का सांस्कृतिक कार्यक्रम।
म्यूनिख : बिहार और झारखंड बिरादरी म्यूनिख द्वारा आयोजित 'रसधारा' कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न हुआ। अपने वार्षिक स्थापना दिवस समारोह के मौके पर संस्था ने सांस्कृतिक कार्यक्रम किए और सामूदायिक भावना को आगे बढ़ाया। कार्यक्रम में म्यूनिख में भारत के राजदूत (सीजीआई) शत्रुघ्न सिन्हा बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। 'रसधारा' के इस कार्यक्रम में जर्मनी में रहने वाले बिहार और झारखंड के युवा एवं अलग-अलग पेशे से जुड़े लोगों ने सांस्कृतिक प्रदर्शनों का आनंद उठाया। संगठन के युवाओं ने रंगारंग कार्यक्रम पेश कर सबका मन मोह लिया।
कार्यक्रम में बिहार एवं झारखंड की संस्कृति एवं पकवान की झलक
कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए मुख्य अतिथि शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बिहार और झारखंड की समृद्ध संस्कृति अत्यंत मूल्यवान है। उन्होंने जर्मनी में बसे बिहार और झारखंड के लोगों को बाकी राज्यों जैसे अपने राज्य के नई पीढ़ी का बेहतर मार्गदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण फूड फेस्टिवल था, जिसमें बिहार और झारखंड के विभिन्न हिस्सों के व्यंजनों की विविधता प्रदर्शित की गई। लिट्टी-चोखा, चम्पारण मीठ, ठेकुआ और सत्तू से बने व्यंजन जैसे पारंपरिक व्यंजन मुख्य आकर्षण थे। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम में झिझिया एवं कजरी जैसे लोकगीत-नृत्य मुख्य आकर्षण थे।
विदेश में भाईचारे की बेहतरीन झलक
बिहार और झारखंड फ्रेटरनिटी म्यूनिख के अध्यक्ष करण सिंह ने कहा, 'ये संगठन अपने सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने के साथ-साथ एक बड़ा परिवार जैसा है जो विदेश में अपने भाईचारे को दर्शाता है। वहीं, संस्था के महासचिव मणि श्रीवास्तव ने कहा कि वह अपनी टीम के आभारी हैं, जिन्होंने कार्यक्रम को एक बड़ी सफलता बनाने के लिए अथक परिश्रम किया।'
दिवाली पर भी होगा रंगारंग कार्यक्रम
मीडिया प्रभारी राहुल यादव ने बताया कि कार्यक्रम में लोगों की कुल संख्या 450 के करीब थी जो कि बिहार और झारखंड के बढ़ते प्रवासी एवं संस्कृति के प्रति बढ़ते प्यार को दर्शाता है। संगठन अपने अगले कार्यक्रम दिवाली को लेकर बहुत ही उत्साहित है। वह इस कार्यक्रम के जरिए बिहार और झारखंड की अस्मिता एवं संस्कृति का वैभव प्रस्तुत करेगा।
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