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दिल्ली में चुप रहे एर्दोगन लेकिन तुर्की पहुंचते ही कॉरीडोर प्रोजेक्ट के खिलाफ उगला 'जहर'

Recep Tayyip Erdogan : जी20 सम्मेलन के दौरान भारत, अमेरिका, इटली, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी और यूरोपीय संघ के नेताओं ने इस प्रोजेक्ट पर अपनी सहमति दी। इस प्रोजेक्ट पर आने वाली लागत के बारे में अभी तो कुछ नहीं कहा गया है लेकिन मीडिया रिपोर्टों में इस पर करीब 20 अरब डॉलर खर्च होने की बात कही जा रही है।

Recep Tayyip ErdoganRecep Tayyip ErdoganRecep Tayyip Erdogan

कॉरीडोर के विरोध में उतरे तुर्की के राष्ट्रपति।

Recep Tayyip Erdogan : जी-20 सम्मेलन के दौरान दिल्ली में भारत की प्रशंसा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता के समर्थन में बयान देने वाले तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन ने अपना 'रंग' दिखा दिया है। तुर्की पहुंचते ही उन्होंने भारत को यूरोप से जोड़ने वाले प्रस्तावित इकोनॉमिक कॉरीडोर का विरोध किया है। एर्दोगन ने सोमवार को कहा कि 'तुर्की के बिना कोई भी कॉरीडोर नहीं होगा।' बता दें कि जी20 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारोबार के लिए यूरोप को भारत से जोड़ने वाले एक इकोनॉमिक कॉरीडोर बनाए जाने की घोषणा की। खास बात है कि यह कॉरीडोर तुर्की को बाइपास करते हुए यूरोप तक पहुंचेगा।

'तुर्की के बिना कोई कॉरीडोर नहीं होगा'

सोमवार को स्वदेश पहुंचने पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि 'हमारा कहना है कि तुर्की के बिना कोई कॉरीडोर नहीं होगा। तुर्की एक उत्पादन और कारोबार का एक केंद्र है। यातायात के लिए पूर्व से पश्चिम तक जाने वाले किसी भी मार्ग को तुर्की से होकर गुजरना होगा।' इस प्रस्तावित कॉरीडोर को 'इंडिया मिडिल इस्ट यूरोप इकोनामिक कॉरीडोर' (IMEC) नाम दिया गया है। यह संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जॉर्डन, इजरायल, ग्रीस होते हुए यूरोप पहुंचेगा। इन देशों को रेलवे एवं समुद्र यातायात के जरिए जोड़ा जाएगा।

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