पन्नू मामले में रूस की अमेरिका को दो टूक, बोला-बिना सबूत भारत पर आरोप मत मढ़ें, यह स्वीकार नहीं

Gurpatwant Singh Pannun : अमेरिका चाहता है कि यह कमेटी जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट पेश करे। इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रिपोर्ट में अगर कार्रवाई करने लायक कुछ होगा तो वह इस दिशा में कदम उठाएगा।

खालिस्तानी आतंकवादी है पन्नू।

Gurpatwant Singh Pannun : खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू मामले में भारत के समर्थन में रूस आ खड़ा हुआ है। रूस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पन्नू की हत्या में कथित रूप से कोई भारतीय संलिप्त है, इस बारे में अमेरिका ने अभी तक कोई विश्वसनीय प्रमाण नहीं दिया है। अमेरिका का आरोप है कि उसकी धरती पर पन्नू की हत्या की साजिश रची गई लेकिन उसकी सुरक्षा एजेंसियों ने इसका पर्दाफाश कर दिया। अमेरिका की शिकायत पर भारत सरकार ने इस मामले को देखने के लिए एक कमेटी बनाई है। अमेरिका चाहता है कि यह कमेटी जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट पेश करे। इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रिपोर्ट में अगर कार्रवाई करने लायक कुछ होगा तो वह इस दिशा में कदम उठाएगा।

अमेरिका ने विश्वसनीय प्रमाण नहीं दिया

रूस के विदेश मंत्रालय की महिला प्रवक्ता मारिया जखरोवा ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि 'हमार पास जो सूचना उपलब्ध है उसके मुताबिक किसी जीएस पन्नू की हत्या की साजिश में किसी भारतीय नागरिक के शामिल होने का कोई विश्वसनीय प्रमाण वाशिंगटन ने अभी तक नहीं दिया है। इस मामले में साक्ष्यों के अभाव में अटकलबाजी करना स्वीकार्य नहीं है।' प्रवक्ता ने आगे कहा कि अमेरिका राष्ट्रीय सोच और भारत के ऐतिहासिक संदर्भ को नहीं समझता। अमेरिका का यह रवैया एक देश के रूप में भारत के प्रति असम्मान प्रकट करने वाला है।

भारत मामले को गंभीरता से ले-अमेरिका

रूस की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब अमेरिका ने हाल ही में कहा है कि भारत को पन्नू की कथित हत्या की साजिश के मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। ये भी कहा है कि अमेरिका को मामले में भारत की तरफ से की जा रही जांच के पूरा होने का इंतजार है। अमेरिका का यह बयान भारत को नाराज कर सकता है। भारत भी इस बारे में कड़ी टिप्पणी कर अमेरिका को असहज कर सकता है। इस बीच एक खबर ये भी आई है कि हत्या की साजिश में कथित तौर पर शामिल भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के प्रत्यर्पण पर चेक रिपब्लिक की सर्वोच्च अदालत ने रोक लगा दी है। इसे अमेरिका के लिए झटका माना जा रहा है।
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