यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना के लिए काम कर रहे भारतीयों को मिलेगी रिहाई, पुतिन ने दिया भरोसा, पीएम मोदी के दखल से बनी बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि लेकर आई है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी सेना में काम करने वाले सभी भारतीय नागरिकों की वापसी का रास्ता साफ करने का फैसला किया है।
पीएम मोदी-पुतिन मुलाकात
Russia To Release Indians From Army: रूसी सेना में कार्यरत सभी भारतीयों को रूस छुट्टी देगा और उनकी वापसी में मदद करेगा। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से हुई निजी मुलाकात में यह मामला उठाया है। सूत्रों ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के लिए भर्ती किए गए भारतीयों इस मुद्दे को मजबूत शब्दों में उठाएगा। एक सूत्र ने कहा कि हम यूक्रेनी संघर्ष में लड़ रहे भारतीयों की रूसी सेना से शीघ्र रिहाई चाहते हैं। सूत्रों ने कहा कि अब तक कम से कम चार भारतीय मारे गए हैं और माना जाता है कि सेना में लगभग 35-50 रंगरूट शामिल हैं। 10 भारतीयों को संघर्ष से लौटने की अनुमति दी गई है।
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भारतीय नागरिकों की वापसी का रास्ता साफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि लेकर आई है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी सेना में काम करने वाले सभी भारतीय नागरिकों की वापसी का रास्ता साफ करने का फैसला किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को मॉस्को में पुतिन के आधिकारिक आवास पर प्राइवेट डिनर के दौरान पीएम ने यह मुद्दा उठाया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में दो भारतीयों की मौत हो गई थी। इसके बाद नई दिल्ली ने रूसी सेना में भर्ती सभी भारतीय नागरिकों की जल्द रिहाई के लिए मामला उठाने का फैसला किया।
यूक्रेन युद्ध में भारतीय रंगरूटों की मौत
विदेश मंत्रालय को यूद्ध में दो भारतीयों की मौत के बाद रूस-यूक्रेन संघर्ष में शामिल भारतीयों के मुद्दे के हल होने की उम्मीद थी, जिसका उद्देश्य देश से उनकी रिहाई सुनिश्चित करना था। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि दो दिवसीय दौरे पर मॉस्को में मौजूद पीएम मोदी ने कल शाम पुतिन द्वारा आयोजित एक निजी रात्रिभोज में यह मुद्दा उठाया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मॉस्को के पास राष्ट्रपति पुतिन के नोवो-ओगारियोवो निवास पर एक निजी मुलाकात की थी।
झांसा देकर सेना में भर्ती कराया
उच्च वेतन वाली नौकरियों के वादे के साथ एजेंटों ने भारतीयों को धोखा दिया और एक दर्जन से अधिक भारतीयों को कथित तौर पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया गया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 4 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से पहले अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया था।
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