अभेद्य होगी भारतीय सीमा...जल्द ही रूस से भारत को मिलेगी S-400 की तीसरी खेप

रूसी राजदूत ने भारत के साथ उनके देश के रक्षा संबंधों को अभूतपूर्व बताया। उन्होंने कहा कि भारत में टी-90 टैंक, एसयू-30एमकेआई, एके-203 असॉल्ट राइफल और बहुत सारे हथियार तथा उपकरणों का लाइसेंसी उत्पादन मेक इन इंडिया तथा आत्मनिर्भर भारत पहलों के पूरी तरह अनुरूप है। सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस पर विशिष्ट संयुक्त उद्यम आदर्श है।

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S-400 की तीसरी खेप जल्द भारत भेजा रूस

तस्वीर साभार : भाषा

रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने सोमवार को कहा कि रूस जल्द ही भारत को सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल प्रणाली की तीसरी खेप की आपूर्ति करेगा। अलीपोव ने कहा कि यह निकट भविष्य में पूरी की जाएगी। दोनों पक्ष सौदे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम निश्चित तौर पर वह करेंगे। इसे कोई नहीं रोक सकता।

दो खेप पहुंच चुका है भारत

रूसी राजदूत भारत-रूस संबंधों पर एक सम्मेलन में मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। रूस ने मिसाइल प्रणाली की पहली दो खेप की आपूर्ति कर दी है।

यूक्रेन मामले पर क्या कहा

यह पूछने पर कि क्या वह यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष खत्म होने में भारत की कोई भूमिका देखते हैं, इस पर अलीपोव ने कहा कि मॉस्को इसे कूटनीतिक तरीके से खत्म करने के लिए किसी भी गंभीर वार्ता के लिए तैयार है। उन्होंने कहा- "जैसा कि हमारे विदेश मंत्री कहते हैं कि हम किसी भी गंभीर वार्ता के लिए तैयार हैं चाहे कोई भी उसकी पेशकश करे। अभी ऐसा कुछ नहीं है। अगर भारत इसमें अधिक सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है तो हम निश्चित तौर पर बहुत ध्यान से भारत को सुनेंगे और हम सभी प्रस्तावों पर बहुत गंभीरता से विचार करेंगे। लेकिन भारत इस बेहद ही जटिल संघर्ष में शामिल होना चाहता है या नहीं, मुझे नहीं लगता कि यह मुझसे पूछा जाना चाहिए।"

रूस समझौते को लेकर प्रतिबद्ध

रूसी राजदूत ने भारत के साथ उनके देश के रक्षा संबंधों को अभूतपूर्व बताया। उन्होंने कहा- "भारत में टी-90 टैंक, एसयू-30एमकेआई, एके-203 असॉल्ट राइफल और बहुत सारे हथियार तथा उपकरणों का लाइसेंसी उत्पादन मेक इन इंडिया तथा आत्मनिर्भर भारत पहलों के पूरी तरह अनुरूप है। सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस पर विशिष्ट संयुक्त उद्यम आदर्श है। रूस और भारत आधुनिक एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली के लिए सौदे समेत सभी समझौतों को लेकर प्रतिबद्ध हैं।"

अमेरिका का विरोध

गौरतलब है कि भारत ने अक्टूबर 2018 में अमेरिका की चेतावनी के बावजूद रूस से एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए पांच अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

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