Russia Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक के बाद एक किए कई देशों के दौरे, मिला क्या?

Russia Ukraine War: रूस के साथ चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रोम, बर्लिन, पेरिस, लंदन, हिरोशिमा समेत कई देशों के दौरे किए। ऐसे में सवाल उठता है कि इन दौरों से क्या हासिल हुआ।

रूस के साथ युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने किए कई देशों के दौरे

Russia Ukraine War: यूक्रेन कम से कम राजनयिक रूप से ही सही, आक्रामक रुख अपना रहा है। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की अंतरराष्ट्रीय एजेंडे में यूक्रेन को सबसे ऊपर रखने के प्रयासों के तहत बीते कई हफ्तों से एक के बाद एक विभिन्न देशों की यात्रा कर रहे हैं और सम्मेलनों में भाग ले रहे हैं। इस दौरान उन्हें पिछले साल फरवरी में शुरू हुए युद्ध के लिए सैन्य, आर्थिक और राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है। नतीजों का मूल्यांकन करें तो जेलेंस्की की कूटनीति अपेक्षाकृत सफल रही है। इसने सफलता ने संकटग्रस्त बखमूत शहर के आसपास यूक्रेन की सेना को मिले हालिया झटकों की कुछ हद तक भरपाई की है। जेलेंस्की ने 13 से 15 मई के बीच रोम, बर्लिन, पेरिस और लंदन की यात्राएं कर यूक्रेन के लिए यूरोपीय देशों का महत्वपूर्ण सैन्य समर्थन जुटाया, जिससे देश की आक्रामक और रक्षात्मक सैन्य क्षमताओं को बढ़ावा मिला। जेलेंस्की ने शुक्रवार 19 मई को जेद्दा, सऊदी अरब का दौरा किया और फिर जी7 शिखर सम्मेलन के लिए हिरोशिमा रवाना हो गए। सऊदी अरब में उन्हें अरब लीग के सभी 22 सदस्य देशों को संबोधित करने के लिए एक मंच दिया गया और सऊदी ‘क्राउन प्रिंस’ मोहम्मद बिन सलमान के साथ उनकी मुलाकात हुई।

इसके जरिए जेलेंस्की को अपनी 10 सूत्री शांति योजना को पेश करने और रूस के आक्रमण की निंदा करने का मौका मिला, दूसरी ओर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अरब लीग को एक पत्र लिखकर खानापूर्ति की, जिसमें लीबिया, सूडान और यमन में जारी युद्ध में समर्थन की पेशकश की गई थी। हालांकि इस दौरान जेलेंस्की की शांति योजना के प्रति कोई खास प्रतिबद्धता नहीं दिखी और न ही रूस के खिलाफ कोई स्पष्ट रुख तय हुआ। लेकिन शिखर सम्मेलन में पारित जेद्दा घोषणापत्र में अरब नेताओं ने देशों की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान का स्पष्ट रूप से जिक्र किया।

जेद्दा से, जेलेंस्की हिरोशिमा रवाना हुए। वहां पहुंचकर उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा की उपस्थिति में सभा को संबोधित किया। इस संबोधन के जरिए उन्हें ‘ग्लोबल साउथ’ के दो प्रमुख देशों भारत और ब्राजील तक अपनी बात पहुंचाने का अवसर मिला, जिन्होंने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है।

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