ट्रंप के आते ही राजनयिकों ने छोड़े पद; अब इन लोगों की नियुक्ति की बन रही योजना

US Diplomats: अमेरिका के विदेश विभाग में शीर्ष पदों पर कार्यरत वरिष्ठ राजनयिकों ने ट्रंप प्रशासन की इच्छा के तहत अपने पद छोड़ दिए हैं। कार्मिक परिवर्तनों के बारे में जानकारी रखने वाले तीन वर्तमान और पूर्व अधिकारियों के अनुसार, फिर से नियुक्त किए जाने वाले करियर अधिकारियों में राजनीतिक मामलों के कार्यवाहक विदेश उप मंत्री जॉन बास शामिल हैं।

Donald Trump

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

US Diplomats: अमेरिका के विदेश विभाग में शीर्ष पदों पर कार्यरत वरिष्ठ राजनयिकों ने ट्रंप प्रशासन की इच्छा के तहत अपने पद छोड़ दिए हैं। अब ट्रंप प्रशासन उन पदों पर अपने लोगों को नियुक्त करने की योजना बना रहा है। यह जानकारी वर्तमान और निवर्तमान अमेरिकी अधिकारियों से मिली।

राजनयिकों ने क्यों छोड़े पद?

राष्ट्रपति चुनाव के बाद विभाग के वरिष्ठ पदों पर कार्मिक परिवर्तन असामान्य नहीं है, जैसा कि सभी संघीय एजेंसियों में होता है। ऐसे पदों पर कार्यरत करियर अधिकारियों को, गैर-करियर राजनीतिक नियुक्तियों की तरह, नये प्रशासन के कार्यभार संभालने से पहले त्यागपत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होता है।

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अतीत में, उनमें से कुछ इस्तीफों को स्वीकार नहीं किया गया, जिससे करियर अधिकारी कम से कम अस्थायी रूप से अपने पदों पर बने रहे, जब तक कि नया राष्ट्रपति अपनी टीम नामित नहीं कर देता। यह नौकरशाही के दिन-प्रतिदिन के संचालन में कुछ हद तक निरंतरता प्रदान करता है।

कार्मिक परिवर्तनों के बारे में जानकारी रखने वाले तीन वर्तमान और पूर्व अधिकारियों के अनुसार, फिर से नियुक्त किए जाने वाले करियर अधिकारियों में राजनीतिक मामलों के कार्यवाहक विदेश उप मंत्री जॉन बास शामिल हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी नाम गुप्त रखने की शर्त पर दी, जिनकी सार्वजनिक रूप से घोषणा नहीं की गई है।

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पेरिस जलवायु समझौते से हटेगा अमेरिका

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह एक बार फिर देश को ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकालेंगे। उनकी इस घोषणा से वैश्विक तापमान वृद्धि से निपटने के लिए दुनिया भर के प्रयासों को झटका लगेगा और एक बार फिर अमेरिका अपने सबसे करीबी सहयोगियों से दूर हो जाएगा। पेरिस जलवायु समझौते का मुख्य दीर्घकालिक लक्ष्य पूर्व औद्योगिक स्तर से वैश्विक तापमान को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे, और यदि संभव हो तो इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखना है।

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अनुराग गुप्ता author

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