तो क्या डूब जाएंगे मुंबई, शंघाई, लंदन, न्यूयॉर्क जैसे शहर, बढ़ रहा है समुद्र का जलस्तर, चीन और भारत भी जोखिम में!
Sea level is rising: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरस ने कहा, छोटे द्वीपीय विकासशील देशों और दुनियाभर के अन्य निचले तटीय इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए समुद्र के जलस्तर में वृद्धि परेशानी का विषय है।
UN महासचिव ने कहा कि पृथ्वी के 'ग्लोबल वार्मिंग' की ऐसी राह पर आगे बढ़ने की आशंका
- UN महासचिव ने कहा कि पृथ्वी के 'ग्लोबल वार्मिंग' की ऐसी राह पर आगे बढ़ने की आशंका
- अगर तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होती है तो समुद्र का स्तर दोगुना हो सकता है
- 'किसी भी परिदृश्य में बांग्लादेश, चीन, भारत और नीदरलैंड जैसे देश जोखिम में हैं'
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस (UN Secretary) ने मंगलवार को सचेत किया कि यदि ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) को 'चमत्कारिक रूप से' 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित कर भी लिया जाए, तो भी समुद्र का जलस्तर (Sea level is rising) काफी बढ़ेगा और बांग्लादेश, चीन एवं भारत (China and India) जैसे देशों के लिये यह खतरे की बात है।
गुतारेस ने कहा कि पृथ्वी के 'ग्लोबल वार्मिंग' की ऐसी राह पर आगे बढ़ने की आशंका है, जहां समुद्रों का जलस्तर बढ़ने का मतलब कई देशों के लिए अस्तित्व का संकट होगा।
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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि डिग्री का हर अंश मायने रखता है, क्योंकि अगर तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होती है तो समुद्र का स्तर दोगुना हो सकता है उन्होंने समुद्र के स्तर में वृद्धि पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के उद्घाटन पर कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने की खातिर आवश्यक कदम उठाने के लिए समर्थन तैयार करने में परिषद की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस बैठक में 75 देशों ने भाग लिया।
बांग्लादेश, चीन, भारत और नीदरलैंड जैसे देश जोखिम में
गुतारेस ने कहा कि किसी भी परिदृश्य में बांग्लादेश, चीन, भारत और नीदरलैंड जैसे देश जोखिम में हैं और काहिरा, लागोस, मापुटो, बैंकॉक, ढाका, जकार्ता, मुंबई, शंघाई, कोपेनहेगन, लंदन, लॉस एंजिलिस, न्यूयॉर्क, ब्यूनस आयर्स और सैंटियागो सहित हर महाद्वीप के बड़े शहरों पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
'समुद्र स्तर अगले 2,000 वर्षों में लगभग दो मीटर से तीन मीटर तक बढ़ जाएगा'
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने मंगलवार को गुतारेस द्वारा उद्धृत आंकड़े जारी किए, जिनमें कहा गया है कि यदि तापमान में बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित कर लिया जाता है, तो वैश्विक मध्यमान समुद्र स्तर अगले 2,000 वर्षों में लगभग दो मीटर से तीन मीटर (लगभग 6.5 से 9.8 फीट) तक बढ़ जाएगा।
उन देशों के लिए 'मौत की सजा' जैसा
डब्ल्यूएमओ के अनुसार, तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के होने पर समुद्र का जलस्तर छह मीटर (19.7 फीट) तक बढ़ सकता है और पांच डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने पर यह 22 मीटर (72 फीट) तक बढ़ सकता है। गुतारेस ने कहा कि दुनिया वर्तमान नीतियों के कारण तापमान में '2.8 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी' की ओर बढ़ रही है जो उन देशों के लिए 'मौत की सजा' जैसा है, जिन पर खतरा अधिक है।
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