शहबाज शरीफ ने दी दखल, इमरान खान के भाषणों के प्रसारण पर लगी रोक हटी

पीटीआई चीफ इमरान खान के भाषणों के प्रसारण पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक आयोग ने रोक लगाई थी , हालांकि पीएम शहबाज शरीफ के दखल के बाद रोक हटा ली गई है।

इमरान खान, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के मुखिया

पाकिस्तान के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक ने शनिवार को टेलीविजन चैनल पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषणों या मीडिया वार्ता के प्रसारण या पुन: प्रसारण पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि इस तरह की सामग्री को प्रसारित करने से लोगों में नफरत पैदा होगी और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होगा। हालांकि बाद में रोक हटा ली गई। पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (पीईएमआरए) ने आगाह किया है कि किसी भी उल्लंघन के मामले में वह प्रसारण लाइसेंस को निलंबित कर देगा। पीईएमआरए ने एक अधिसूचना में कहा था कि किसी भी उल्लंघन के मामले में बिना किसी कारण बताओ नोटिस के सार्वजनिक हित में कानून के अन्य सक्षम प्रावधानों के साथ लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है।’’

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नियामक ने यह भी कहा कि खान ने अपने मार्च के दौरान भाषणों में तथा एक दिन पहले अस्पताल से एक संबोधन में ‘‘हत्या की साजिश रचने के लिए सरकारी संस्थानों के खिलाफ आधारहीन आरोप लगाए।मीडिया नियामक ने कहा कि इस तरह की सामग्री को प्रसारित करने से कई कानूनों का उल्लंघन होता है और इससे ‘‘लोगों के बीच नफरत’’ पैदा होने की आशंका है।इस तरह के उल्लंघन से सार्वजनिक शांति भंग होने या राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे में पड़ने की भी आशंका है।

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पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष खान (70) के दाहिने पैर में उस समय गोली लग गई, जब दो बंदूकधारियों ने बृहस्पतिवार को पंजाब प्रांत के वजीराबाद इलाके में उन पर गोलियां चलाईं। खान घटना के समय शहबाज शरीफ नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे थे।अगस्त में इसी नियामक ने सभी सैटेलाइट टीवी चैनल पर खान के भाषणों के सीधे प्रसारण पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, सितंबर में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने प्रतिबंध को खत्म कर दिया था।

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