भारत से बात करने को बेताब हैं शहबाज शरीफ, बोले-3 जंग के बाद हमें केवल गरीबी-बेरोजगारी मिली
Pakistan News : जिओ टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद पाकिस्तान मिनरल्स समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शहबाज ने कहा, 'हम अपने पड़ोसी देश सहित सभी से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। बशर्ते कि हमारा पड़ोसी बातचीत की मेज पर वार्ता के लिए गंभीर हो।
भारत के साथ बातचीत करना चाहते हैं शहबाज शरीफ।
Pakistan News : आर्थिक तंगहाली से पूरी तरह टूट चुके पाकिस्तान को अब भारत से अच्छे रिश्ते की याद आ रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भारत से बातचीत करने के लिए आतुर हैं। उनका कहना है कि भारत से तीन जंग लड़कर उनके देश को गरीबी एवं बेरोजगारी के अलावा कुछ नहीं मिला है। पाकिस्तान शिक्षा, स्वास्थ्य एवं विकास के अन्य मानकों पर पिछड़ गया। शरीफ का कहना है कि 'पाकिस्तान के अंदर किसी भी देश के खिलाफ दुर्भावना नहीं है।'
शहबाज ने कहा-हम बातचीत करने के लिए तैयार हैं
जिओ टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद पाकिस्तान मिनरल्स समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शहबाज ने कहा, 'हम अपने पड़ोसी देश सहित सभी से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। बशर्ते कि हमारा पड़ोसी बातचीत की मेज पर वार्ता के लिए गंभीर हो। क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है।' इस समिट का आयोजन देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) बढ़ाने एवं 'एकदम शुरुआती स्तर से विकास' की तरफ बढ़ने के लिए किया गया है।
भारत से 3 युद्ध लड़े, मिली केवल गरीबी
सत्र के दौरान चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर के दूसरे चरण की शुरुआत का जिक्र होने पर उन्होंने अमेरिका और भारत के साथ काम करने के बारे में बयान दिया। शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान एक परमाणु हथियार संपन्न देश है लेकिन यह किसी पर हमला करने के लिए नहीं बल्कि खुद की सुरक्षा के लिए है। पाकिस्तानी पीएम ने आगे कहा कि बीते 75 वर्षों में भारत के साथ तीन युद्ध लड़े गए लेकिन इसका नतीजा गरीबी और बेरोजगारी के रूप में सामने आया। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं लोगों को सुविधाएं देने में हम पिछड़ गए।
आर्थिक स्पर्धा से आगे बढ़ने की बात कही
शहबाज ने कहा कि अब युद्ध रास्ता नहीं है बल्कि क्षेत्र में आर्थिक स्पर्धा के जरिए तरक्की के रास्ते पर बढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा, 'यदि कभी परमाणु युद्ध हुआ तो यह बताने के लिए कि क्या हुआ था, कौन जिंदा रहेगा?' शहबाज ने आगे कहा कि पाकिस्तान इस बात को समझता है। भारत के लिए भी यह जरूरी है कि वह भी इस बात को समझे।
पटरी से उतर गए हैं भारत-पाकिस्तान के रिश्ते
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते पटरी से उतर गए। पांच अगस्त 2019 के बाद दोनों देशों के बीच होने वाला व्यापार काफी हद तक बंद हो गया। दोनों देशों के बीच बातचीत पहले से ही बंद थी। भारत का साफ तौर पर कहना है कि आतंकवाद और बातचीत दोनों एक साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान के साथ दिक्कत यह है कि वह बातचीत तो करना चाहता है लेकिन आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए कदम नहीं उठाता। आतंकवादियों के जरिए वह भारत को अस्थिर करने का कुचक्र रचता आया है। सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ और पंजाब सीमा के जरिए ड्रग एवं हथियारों की तस्करी बंद नहीं हुई है।
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