'नरसंहार में शामिल', बांग्लादेश से भागने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आईं शेख हसीना का यूनुस पर बड़ा आरोप
शेख हसीना ने बुधवार को अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमलों को लेकर देश के अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस पर तीखा हमला किया। गौरतलब है कि इस साल अगस्त में बांग्लादेश से भागने के बाद यह उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी।
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अल्पसंख्यकों के कथित उत्पीड़न को लेकर देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर तीखा हमला करते हुए उन पर अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।हसीना ने न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए यूनुस पर 'नरसंहार'करने और हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की तरह ही उनकी और उनकी बहन शेख रेहाना की हत्या की साजिश रची गई थी।मुजीबुर रहमान की 1975 में हत्या कर दी गई थी।अगस्त में बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण देश छोड़कर भारत में शरण लेने के बाद यह हसीना का पहला सार्वजनिक संबोधन था।
उन्होंने पांच अगस्त को ढाका में अपने आधिकारिक आवास पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा, 'हथियारबंद प्रदर्शनकारियों को ‘गणभवन’ की ओर भेजा गया। अगर सुरक्षाकर्मियों ने गोलियां चलाई होतीं, तो कई लोगों की जान जा सकती थी। मुझे वहां से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। मैंने उनसे (सुरक्षाकर्मियों) कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वे गोलियां न चलाएं।’’रविवार को आयोजित कार्यक्रम में हसीना ने कहा, ‘‘आज मुझ पर नरसंहार का आरोप लगाया जा रहा है। वास्तव में, यूनुस एक सुनियोजित तरीके से नरसंहार में शामिल रहे हैं। इस नरसंहार के पीछे मुख्य षड्यंत्रकारी छात्र समन्वयक और यूनुस हैं।'
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हसीना ने कहा कि ढाका में मौजूदा सत्तारूढ़ सरकार अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रही है।हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का परोक्ष संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, 'हिंदू, बौद्ध, ईसाई - किसी को भी नहीं बख्शा गया है। ग्यारह गिरजाघरों को ध्वस्त कर दिया गया है, मंदिरों और बौद्ध उपासनास्थलों को तोड़ दिया गया है। जब हिंदुओं ने विरोध किया, तो इस्कॉन नेता को गिरफ्तार कर लिया गया।'
हसीना ने कहा, 'अल्पसंख्यकों पर यह अत्याचार क्यों हो रहा है? उन्हें क्यों सताया जा रहा है और उन पर हमला क्यों किया जा रहा है?’’उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को अब न्याय पाने का अधिकार नहीं है... मुझे तो इस्तीफा देने का भी समय नहीं मिला।' हसीना ने कहा कि उन्होंने हिंसा रोकने के उद्देश्य से अगस्त में बांग्लादेश छोड़ दिया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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रवि वैश्य author
मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनि...और देखें
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