Bangladesh Unrest: जब राष्ट्रपति रहते हुए शेख हसीना के पिता की आर्मी अफसरों ने हत्या कर दी थी, जानें पूरा किस्सा

Bangladesh Unrest: बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में घुस गए हैं। इस बीच शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और वह बांग्लादेश छोड़कर चली गई हैं। देश के आर्मी चीफ ने सत्ता अपने हाथों में ले ली है। ऐसी ही एक कोशिश में उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की भी हत्या कर दी गई थी।

शेख हसीना

बांग्लादेश में हिंसा के बीच हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। हिंसा और तख्तापलट की आशंका के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उनके बांग्लादेश छोड़ने की खबर है और बताया जा रहा है कि वह भारत आ सकती हैं। शेख हसीना अगर बांग्लादेश से नहीं निकलती तो उनकी जान को खतरा हो सकता था। इससे पहले उनके पिता और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के नेता रहे पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की पूरे परिवार के साथ हत्या कर दी गई थी। शेख हसीना उस समय विदेश में भी, इसलिए वह बची रह गईं।

बांग्लादेश में सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है। बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने बकायादा देश को संबोधित करते हुए कहा है कि वह देश की कमान अपने हाथों में ले रहे हैं। उन्होंने लोगों से सांति बनाए रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही देश में अंतरिम सरकार बनाएंगे। उन्होंने कहा कि हम प्रदर्शनकारी छात्रों से बात करेंगे और उनकी सभी मांगों को मानेंगे।

मुजीबुर रहमान की हत्यासाल 1971 में पूर्वी पाकिस्तान को पाकिस्तान से अलग करके भारत ने बांग्लादेश के रूप में मान्यता दिलाई। बांग्लादेश की इस जंग में शेख मुजीबुर रहमान की प्रमुख भूमिका रही थी। बांग्लादेश बनने के बाद वह देश के पहले राष्ट्रपति भी बने। इसके बाद 15 अगस्त 1975 की सुबह शेख मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के ज्यादातर लोगों की हत्या कर दी गई। दरअसल उस समय बांग्लादेश की सेना ने उनका तख्तापलट किया और सेना के जवान उनके धनमंडी स्थित आवास पर गए और सभी की हत्या कर दी।

End Of Feed