सिंगापुरः भारतीय मूल के थरमन शणमुगारत्नम ने जीता राष्ट्रपति चुनाव, 70% वोटों के साथ विरोधियों को दी मात
Who is Tharman Shanmugaratnam: सियासत में साल 2001 में कदम रखने वाले शणमुगारत्नम ने दो दशक से अधिक समय तक सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के और मंत्री पदों पर काम किया है।
वैसे, सिंगापुर में राष्ट्रपति पद के लिए पहला चुनाव 28 अगस्त 1993 को हुआ था। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)
Who is Tharman Shanmugaratnam: थरमन शणमुगारत्नम ने सिंगापुर का राष्ट्रपति चुनाव जीता है। यह जानकारी शुक्रवार (एक सितंबर, 2023) को वहां के चुनाव विभाग की ओर से दी गई। उन्होंने 70.4 फीसदी वोटों के साथ इस रेस में जीत हासिल की।
कौन हैं थरमन? जानिए एक नजर में66 बरस के थरमन भारतीय मूल के पूर्व मंत्री हैं। वह पेशे से अर्थशास्त्री हैं और उनका जन्म सिंगापुर में हुआ था। उन्होंने देश की संस्कृति को दुनिया में “उज्ज्वल” बनाए रखने के संकल्प के साथ पिछले महीने औपचारिक रूप से राष्ट्रपति पद के लिए अपना अभियान शुरू किया था। सियासत में साल 2001 में कदम रखने वाले शणमुगारत्नम ने दो दशक से अधिक समय तक सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के और मंत्री पदों पर काम किया है।
मैदान में किनसे थी टक्कर?देश के नौवें राष्ट्रपति के लिए हुए मुकाबले में थरमन के अलावा दो और उम्मीदवार थे, जिनमें पहले सिंगापुर ‘गवर्नमेंट इन्वेस्टमेंट कॉर्प’ (जीआईसी) के पूर्व मुख्य निवेश अधिकारी एन. कोक सोंग और देश के सरकारी स्वामित्व वाले बीमा समूह एनटीयूसी इनकम के पूर्व प्रमुख टेन किन लियान थे।
2011 के बाद का है यह पहला राष्ट्रपति चुनावरोचक बात है कि सिंगापुर में साल 2011 के बाद यह पहला राष्ट्रपति चुनाव था, जिसके लिए शुक्रवार को मतदान समाप्त हुआ। एक दशक से भी अधिक समय बाद हुए राष्ट्रपति चुनाव में 27 लाख से अधिक लोगों ने मतदान किया। त्रिकोणीय मुकाबले में भारतीय मूल के पूर्व मंत्री थरमन षणमुगारत्नम ने भी किस्मत आजमाई थी।
आखिरी चुनाव निर्विरोध थायह 12 वर्षों में सिंगापुर का पहला राष्ट्रपति चुनाव था, क्योंकि 2017 में आखिरी चुनाव- जो मलय उम्मीदवारों के लिए आरक्षित था- निर्विरोध था। निवर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब का छह वर्ष का कार्यकाल 13 सितंबर को समाप्त हो रहा है। वह देश की आठवीं राष्ट्रपति हैं और इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं।
हलीमा के सामने न था कोई अन्य उम्मीदवारसिंगापुर में वर्ष 2017 का राष्ट्रपति चुनाव एक आरक्षित चुनाव था, जिसमें केवल मलय समुदाय के सदस्यों को चुनाव लड़ने की अनुमति थी। उस दौरान हलीमा को राष्ट्रपति नामित किया गया था, क्योंकि कोई अन्य उम्मीदवार नहीं था। सिंगापुर में वर्ष 2011 के बाद यह पहला राष्ट्रपति चुनाव है। (पीटीआई-एएनआई इनपुट्स के साथ)
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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