ट्रंप का एक और यू-टर्न, स्मार्टफोन, लैपटॉप, चिप को टैरिफ की लिस्ट से किया बाहर, अधिकतर उत्पाद चीन से होते हैं इंपोर्ट
प ने अमेरिका के साथ व्यापार असंतुलन का आरोप लगाते हुए देशों पर व्यापक टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, 9 अप्रैल को शुल्क लगाने के बमुश्किल 13 घंटे बाद ही उन्होंने चीन को छोड़कर अधिकांश देशों के लिए 90 दिनों की अवधि के लिए शुल्क निलंबित कर दिया।

ट्रंप ने टैरिफ पर दी छूट
Trump's Reciprocal Tariffs: चीनी उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने एक और यू-टर्न लिया है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने घोषणा की है कि स्मार्टफोन, लैपटॉप और सेमीकंडक्टर चिप्स सहित कई इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को जवाबी शुल्क से छूट दी जाएगी। इनमें से अधिकांश उत्पाद चीन से आयात किए जाते हैं। यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के एक नोटिस के अनुसार, चीन पर लगाए गए मौजूदा 145 प्रतिशत टैरिफ या दूसरे देशों पर लगाए गए 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ के तहत इन उत्पादों पर नया टैरिफ लागू नहीं होगा।
इन बड़ी कंपनियों को होगा फायदा
शुक्रवार को जारी किए गए नोटिस के अनुसार, छूट उन उत्पादों पर लागू होगी है जो 5 अप्रैल से पहले अमेरिका पहुंचे हैं या गोदामों से हटा दिए गए हैं। यह घोषणा एप्पल, सैमसंग और एनवीडिया जैसी चिपमेकर जैसी कंपनियों को लाभ पहुंचाएगी। टेक दिग्गजों ने चिंता जताई थी कि इन उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने से गैजेट्स की कीमत आसमान छू सकती है। हालांकि, नोटिस में ट्रंप प्रशासन के इस कदम के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
चीन-भारत में बनते हैं आईफोन
एक अमेरिकी एजेंसी का अनुमान है कि एप्पल के लगभग 80 प्रतिशत आईफोन (iPhone) का उत्पादन और असेंबली चीन में होती है और बाकी 20 प्रतिशत भारत में बनते हैं। स्मार्टफोन और कंप्यूटर के अलावा, अन्य डिस्क ड्राइव, डेटा प्रोसेसिंग उपकरण, सेमीकंडक्टर डिवाइस और उपकरण, मेमोरी चिप्स, फ्लैट-पैनल डिस्प्ले, दूरसंचार उपकरण, चिपमेकिंग मशीनरी, रिकॉर्डिंग डिवाइस और प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली जैसे उत्पादों पर भी छूट शामिल होगी। इनमें से कई का निर्माण अमेरिका में शायद ही कभी होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन उत्पादों के लिए घरेलू उत्पादन सुविधाएं स्थापित करने में अमेरिका को कई साल लग जाएंगे।
ट्रंप ने लिया यू-टर्न
ट्रंप ने अमेरिका के साथ व्यापार असंतुलन का आरोप लगाते हुए देशों पर व्यापक टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, 9 अप्रैल को शुल्क लगाने के बमुश्किल 13 घंटे बाद ही उन्होंने चीन को छोड़कर अधिकांश देशों के लिए 90 दिनों की अवधि के लिए शुल्क निलंबित कर दिया था। प्रशासन ने चीनी आयात पर 145 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाने की घोषणा की, जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध शुरू हो गया, जबकि अन्य देशों के लिए 10 प्रतिशत का बेसिक टैरिफ बरकरार रखा।
यह यू-टर्न पिछले सप्ताह ट्रंप द्वारा घोषित टैरिफ के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया के बाद लिया गया। ट्रंप के फैसले ने वैश्विक वित्तीय बाजारों में को हिलाकर रख दिया था। इससे चार दिनों तक शेयर बाजार में जमकर बिकवाली हुई सेंसेक्स धरातर पर आ पहुंचा था। इससे इस आशंका को बढ़ावा दिया कि अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं मंदी में जा सकती हैं।
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