अमेरिका में अपने घरों में नहीं घुस पा रहे हैं लाखों लोग, मुसीबत ऐसी कि गाड़ी के अंदर ही कई लोगों की हुई मौत
Snow storm in USA: अमेरिका में लोग अपने घर नहीं ढूंढ पा रहे हैं, जहां लोग अपने घर में घुस नहीं पा रहे हैं, ऐसा क्यों हो रहा है, अमेरिका में ऐसा क्या हो गया है, वहीं हम आपको यहां बता रहे हैं। अमेरिका में आई इस आफत से हर कोई वहां परेशान है।
Snow storm in USA: आपको अमेरिका की कुछ तस्वीरें दिखाते हैं जिसमें आपको समझ में नहीं आ रहा होगा कि किसी का घर कहां है और घर जाने का रास्ता कहां है। ना घर दिख रहे हैं, ना सड़क दिख रही है। लोगों को अपना घर ढूंढना पड़े तो समझ में नहीं आएगा कि कौन सा घर अपना है और कौन सा घर दूसरे का है। अगर घर मिल भी जाए तो घर में घुसने का रास्ता भी नहीं है। करीब करीब पूरे अमेरिका में यही हाल है। America में Snow बम फूट गया है। वहां भयंकर बर्फीला तूफान आया है। घर, ऑफिस...सड़क...दुकान बाज़ार- फैक्ट्री सब बर्फ़ के नीचे दब गये हैं। इमारतों पर इतनी बर्फ़ जम गई है कि इमारतों की पहचान करने में दिक्कत आ रही है। सोचिए दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका बर्फ़ीले तूफ़ान के सामने सिकुड़ गया है। भारी बर्फ़वारी, तेज बारिश और गिरते तापमान ने पिछले 50-60 घंटों में 20 करोड़ लोगों की ज़िंदगी बदल दी है। वैसे तो इन तस्वीरों को देखकर ही आपको ठंड लग सकती है लेकिन अमेरिका के लोगों के बारे में सोचिए क्योंकि वो तो इस बर्फ़ीले संकट को झेल रहे हैं।
बर्फीले तूफान ने मचाई तबाहीअचानक आए इस तूफान को अमेरिका में आर्कटिक ब्लास्ट और बम साइक्लोन कहा जा रहा हैं, जैसे किसी बड़े ब्लास्ट में बारूद और दूसरे एक्सप्लोसिव निकलते हैं उसी तरह इस तूफ़ान में बर्फ़ का धमाका हो रहा है । इसमें कुछ ही देर में तापमान अचानक नीचे गिरता है और भारी बर्फ़वारी शुरू हो जाती है और लोगों को संभलने का मौका नहीं मिलता ऐसा क्यों हो रहा है इसके बारे में बताएंगे लेकिन उससे पहले ये जान लीजिए कि इस तूफ़ान ने कितनी तबाही मचाई है।
- अमेरिका के 50 में से 40 राज्य इस समय इस बर्फ़ीले तूफान का सामना कर रहे हैं।
- 20 लाख घरों में बिजली नहीं है. तेज तूफ़ान से पॉवर हाउस बंद हो गये।
- 46 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है, ये आंकड़ा बढ़ सकता है।
- सड़कों पर 4-4 फीट ऊंची बर्फ़ जम गई है।
- गाड़ियों पर बर्फ़ की चादर जम जाने की वजह से कई लोग अपनी गाड़ियों के अंदर मारे गये, कुछ लोग घने कोहरे की वजह से एक्सि़डेंट में मारे गये।
चार हजार से अधिक उड़ान हुईं रद्द बहुत से इलाकों में 100 से 120 की स्पीड से ठंडी हवाएं चल रही हैं। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि अमेरिका में कई इलाकों में तापमान माइनस 10 से माइनस 50 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया, कई जगह तो तापमान आधे से एक घंटे के अंदर माइनस में चला गया मतलब आदमी घर से बाहर निकला और अटक गया, घर पहुंच ही नहीं पाया। अमेरिका के मौसम विभाग- National Weather Service ने एमरजेंसी की घोषणा कर दी है । 4 हज़ार से ज़्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई हैं। कोरोना के बाद अमेरिका के लोगों ने क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टी का प्लान किया था लेकिन इन तूफ़ान की वजह से अमेरिका में फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं।
-50 तक गिरा तापमानबहुत से यात्री एयरपोर्ट पर फंस गये हैं...एयरपोर्ट के अंदर हवाईजहाज अटके हुए हैं और एयरपोर्ट के बाहर टैक्सी अटकी हुई हैं, जब तक बर्फ़ नहीं हटेगी तब तक गाड़ियां नहीं चलेंगी। अमेरिका में हवाईजहाज से लेकर ट्रेन- बस- टैक्सी- एंबूलेंस सब अटकी हुई हैं।10 मिनट की दूरी तय करने में 3से 4 घंटे लग रहे हैं। लोगों को सलाह दी जा रही है कि लोग घर से बाहर ना निकलें क्योंकि गिरते तापमान और बर्फ़बारी से शरीर जम सकता है, हार्ट अटैक आ सकता है। पिछले 3-4 दिनों से हमारे यहां लोग.. एक ही बात कह रहे हैं कि अचानक ठंड बहुत बढ़ गई है, रजाइयां तो पहले से ही निकल गई हैं, लोगों ने तो अब हीटर- ब्लोअर निकालने शुरू कर दिए हैं। क्योंकि दिल्ली का तापमान- पिछले 7 दिनों में 12 डिग्री सेल्सियस से 6 डिग्री पर आ गया जिसमें लोगों को कड़ाके की ठंड महसूस हो रही है लेकिन अमेरिका का सोचिए, वहां पिछले 3 दिनो के अंदर तापमान माइनस 10 से माइनस 50 तक गिर गया है।
भारत से तुलना
हमारे यहां श्रीनगर और लद्दाख में भी इतना तापमान नहीं गिरता जितना आजकल अमेरिका के ज़्यादातर शहरों में हैं।अमेरिका के मौसम विभाग की तरफ से जारी की गई एक तस्वीर में तापमान किस तरह गिरा है ये बताया गया है। इस तस्वीर में गहरा बैंगनी रंग का जो हिस्सा दिखाई दे रहा है इस इलाके में तापमान माइनस 40 से माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। इसके बाद गुलाबी रंग का हिस्सा देखिए इसमें माइनस 30 से माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान है। हल्का बैंगनी हिस्से में माइनस 20 से माइनस 30 डिग्री सेल्सियस और आसमानी रंग वाले हिस्से में माइनस 10 से माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान गिर गया है।
होगा भीषण नुकसान
और ऊपर से लाखों घरों में बिजली नहीं है, हीटर ब्लोअर बंद पड़े हैं वहां तो हमारी तरह सड़कों पर अलाव अंगीठी का चलन नहीं है तो सोचिए इन इलाकों में रहने वाले लोगों की क्या हालत होगी। अमेरिका में सर्दियों के मौसम में आर्कटिक ब्लास्ट एक सामान्य घटना है लेकिन इस बार जेट स्ट्रीम हवाएं चलने की वजह से स्थिति बहुत भयानक हो गई है। इससे पहले 1983 में Cold Snaps और 2014 में आए पोलर वॉर्टेक्स में तापमान इतना नीचे गिरा था तब भी माइनस 40 डिग्री तक तापमान चला गया था। हालांकि अब अगले कुछ दिनों में पारा सामान्य की ओर बढ़ेगा. इसके बाद तापमान में बढ़ेगा और ये तूफ़ान धीरे-धीरे ख़त्म हो जाएगा लेकिन तब ये अमेरिका का बहुत नुकसान कर चुका होगा।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | दुनिया (world News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
हमास के पास अभी भी हैं 100 बंधक, क्या युद्धविराम वार्ता से निकलेगा रिहाई का रास्ता? इजरायली मंत्री ने कही यह बात
'अमेरिका के लिए महान दिन', डोनाल्ड ट्रंप ने FBI डायरेक्टर के इस्तीफे का किया स्वागत
तालिबान को मान्यता देने की कार्रवाई शुरू, मॉस्को ने आतंकवादी सूची से हटाया, अफगानिस्तान ने फैसले का किया स्वागत
Afghanistan: काबुल में बड़ा बम धमाका, तालिबानी सरकार के मंत्री हक्कानी समेत कई लोगों की मौत
हिंदू पुजारी चिन्मय दास को राहत दिलाने की एक और कोशिश नाकाम, वरिष्ठ वकील का दावा -कोर्ट के बाहर उन पर हमला हुआ
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited