कौन हैं अनुरा कुमारा दिसानायके, होंगे श्रीलंका के अगले राष्ट्रपति

अनुरा कुमार दिसानायके श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से सांसद हैं। वह 2019 में भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ चुके हैं और वे अपने कॉलेज के समय से JVP पार्टी से जुड़े हुए हैं। अनुरा कुमारा दिसानायके की लोकप्रियता उनके उदारवादी विचार, भ्रष्टाचार विरोधी ख्याल और अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर उतारने के वादे से हुई है।

अनुरा कुमारा दिसानायके होंगे श्रीलंका के अगले राष्ट्रपति

Sri Lanka Election Result 2024: श्रीलंका में 2022 में हुए उथल-पुथल के बाद पहली बार राष्ट्रपति चुनाव हुए हैं। शनिवार को डाले गए वोटों की आज सुबह से ही गिनती शुरू हो गई थी और इसके नतीजे नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) के अनुरा कुमारा दिसानायके के हक में आए हैं। श्रीलंका के मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके शुरुआती रुझानों से ही देश के अगले राष्ट्रपति बनने की ओर आगे बढ़ रहे थे। श्रीलंका की जनता इस चुनाव में ऐसे नेता की तलाश कर रही थी, जो देश की नाजुक आर्थिक स्थिति को फिर से रिकवर करने के लिए कदम उठाए।

पहले भी लड़ चुके हैं राष्ट्रपति चुनाव

श्रीलंका की जनता ने अपना भरोसा अनुरा कुमारा दिसानायके पर जताया है। अनुरा कुमार दिसानायके श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से सांसद हैं। वह 2019 में भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ चुके हैं और वे अपने कॉलेज के समय से JVP पार्टी से जुड़े हुए हैं। अनुरा कुमार दिसानायके पहली बार 2000 में सांसद चुने गए थे, जिसके बाद 2004 से 2005 तक वे कृषि, पशुधन, भूमि और सिंचाई मंत्री रहे और 2015 से 2018 तक मुख्य विपक्षी सचेतक रहे। दिसानायके को 2 फरवरी 2014 को JVP पार्टी के 17वें राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। इस चुनाव में वह नेशनल पीपुल्स पावर और जनता विमुक्ति पेरमुना पार्टी की ओर से मैदान में थे। अनुरा कुमार दिसानायके ने राष्ट्रपति पद के लिए नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) गठबंधन के ओर से चुनाव लड़ा था। नेशनल पीपुल्स पावर में मार्क्सवादी-झुकाव वाली पार्टी जनता विमुक्ति पेरेमुना JVP पार्टी शामिल है, दिसानायके भी इसी पार्टी से सांसद हैं।

अनुराधापुरा जिले में हुआ था दिसानायके का जन्म

अनुरा कुमार दिसानायके का जन्म अनुराधापुरा जिले के थंबुट्टेगामा गांव में एक मध्यम वर्ग में हुआ था, जो राजधानी कोलंबो से लगभग 170 किमी दूर स्थित है। दिहाड़ी मजदूर और गृहिणी के रूप में काम करने वाले उनके माता-पिता ने दिसानायके की शिक्षा-दीक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी और उन्होंने केलानिया विश्वविद्यालय से विज्ञान की डिग्री हासिल की। अपने कॉलेज के दिनों में दिसानायके छात्र राजनीति में शामिल हो गये थे। कॉलेज की राजनीति ने उन्हें 1987 और 1989 के बीच सरकार विरोधी आंदोलन के दौरान जेवीपी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान पार्टी ने राष्ट्रपति जेआर जयवर्धने और आर प्रेमदासा के साम्राज्यवादी और पूंजीवादी शासन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया था।
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