Sunita Williams: साल 2025 तक स्पेस स्टेशन पर रह सकते हैं सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर, NASA ने कही ये बात

International Space Station : अंतरराष्ट्रीय स्पेश स्टेशन में फंसे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का धरती पर आने का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। नासा ने कहा कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को बोइंग के स्टारलाइनर से वापस बुलाने के बजाय स्पेसएक्स की उड़ान से वापस बुलाने की तैयारी चल रही है। यह विकल्प उन्हें फरवरी 2025 तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रोक सकता है।

Sunita Williams-Butch Wilmore

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 2025 तक वापस आएंगे पृथ्वी पर

Sunita Williams-Butch Wilmore: पिछले कई दिनों से स्पेस में फंसीं भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर कब तक धरती पर लौटेंगे इसे लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। नासा ने कहा कि वह विचार कर रहा है कि अगले साल की शुरुआत तक अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रखा जाए या नहीं। नासा ने कहा कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को बोइंग के स्टारलाइनर से वापस बुलाने के बजाय स्पेसएक्स की उड़ान से वापस बुलाने की तैयारी चल रही है। यह विकल्प उन्हें फरवरी 2025 तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रोक सकता है। दोनों अंतरिक्ष यात्री, जिन्होंने 5 जून, 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर आईएसएस की यात्रा शुरू की थी, अब तकनीकी कारणों के 2025 तक अंतरिक्ष की कक्षा में रह सकते हैं। लगभग एक सप्ताह तक चलने वाला मिशन, आठ महीने से अधिक समय तक बढ़ा दिया गया है। स्टारलाइनर के रवाना होने पर परीक्षण पायलटों को उम्मीद थी कि एक सप्ताह में अंतरिक्ष यात्री वापस आ जाएंगे, लेकिन थ्रस्टर अवरोध और हीलियम लीक ने कैप्सूल की अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा को रोक दिया। नासा के अधिकारियों ने कहा कि वे अगले सप्ताह के अंत में निर्णय लेने से पहले डाटा का विश्लेषण कर रहे हैं।

सुनीती विलियम्स अपने तीसरे अंतरिक्ष मिशन पर हैं

बता दें, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा था कि सुनीती विलियम्स अपने तीसरे अंतरिक्ष मिशन पर हैं, ने इस बीच आईएसएस में तरल भौतिकी का उपयोग करते हुए कई अन्य चीजों के अलावा सतही तनाव का भी अध्ययन किया था ताकि अंतरिक्ष में उगाए जा रहे पौधों को पानी देने और पोषण देने के दौरान गुरुत्वाकर्षण की कमी को दूर किया जा सके। यह अंतरिक्ष में बागवानी करने जैसा है और यह समझने की दिशा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है कि पौधे कैसे बढ़ते हैं और सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण स्थितियों पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं। यह शोध तब महत्वपूर्ण होगा जब मानवता सौर मंडल और उससे परे विभिन्न ठिकानों की स्थापना करना चाहेगी।
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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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