Syria Crisis: सीरिया से भागकर रूस पहुंचे राष्ट्रपति अल-असद, पुतिन ने दी राजनीतिक शरण

Russia Granted Asylum to Bashar Al Assad: बशर अल-असद व उनका परिवार रूस पहुंचा है और राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें राजनीतिक शरण दी है। रूस की समाचार एजेंसियों 'तास' और 'आरआईए' ने राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि असद और उनके परिवार को मॉस्को में शरण दी गई है।

Syrian President Bashar al-Assad

रूस ने दी बशर अल-असद को शरण।

Russia Granted Asylum to Bashar Al Assad: सीरिया में विद्रोहियों द्वारा तख्तापलट के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर भाग गए थे। वह कहां हैं, इस बारे में किसी को जानकारी नहीं थी। अब सामने आया है कि अल-असद व उनका परिवार रूस पहुंचा है और राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें राजनीतिक शरण दी है। रूस की समाचार एजेंसियों 'तास' और 'आरआईए' ने राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि असद और उनके परिवार को मॉस्को में शरण दी गई है।

इसके साथ ही रूस ने संयुक्त राष्ट्र से मध्यस्थता का आह्वान भी किया है। रूसी समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि रूस ने हमेशा सीरियाई संकट के राजनीतिक समाधान के पक्ष में बात की है, क्रेमलिन इस बात पर जोर देता है कि संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाली वार्ता फिर से शुरू की जाए। वहीं, रूसी अधिकारी सशस्त्र सीरियाई विपक्ष के प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं, जिनके नेताओं ने सीरियाई क्षेत्र में रूसी सैन्य ठिकानों और राजनयिक मिशनों की सुरक्षा की गारंटी दी है।

रूस ने की हिंसा त्यागने की अपील

बता दें, रूसी विदेश मंत्रालय ने रविवार को सीरिया में हो रही घटनाओं पर अत्यधिक चिंता व्यक्त की थी और वार्ता में शामिल सभी पक्षों से हिंसा का त्याग करने और राजनीतिक तरीकों से सभी मुद्दों को हल करने का कड़ा आह्वान किया। इसके अलावा, मंत्रालय ने कहा था कि बशर अल-असद ने पद छोड़ दिया है और शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण के निर्देश देते हुए देश छोड़ दिया है। बता दें, असद कथित तौर पर रविवार तड़के सीरिया से रवाना हुए थे। सीरिया की राजधानी दमिश्क पर विद्रोहियों के कब्जे के साथ ही असद परिवार के 50 वर्ष के शासन का अंत हो गया है।

असद परिवार के आवास में तोड़फोड़

सीरिया की राजधानी दमिश्क में चौराहों पर जश्न मनाती हुई भीड़ इकट्ठा हुई और सीरियाई क्रांतिकारी ध्वज लहराया जिससे ‘अरब स्प्रिंग’ विद्रोह के शुरुआती दिनों की याद ताजा हो गई। असद और अन्य शीर्ष अधिकारियों की कोई खबर न होने के बाद अनेक लोगों ने राष्ट्रपति भवन और असद परिवार के आवास में तोड़फोड़ की। असद के करीबी सहयोगी रहे रूस ने कहा कि असद ने विद्रोही समूहों के साथ बातचीत के बाद देश छोड़ दिया और उन्होंने शांतिपूर्वक सत्ता हस्तांतरण के निर्देश दिए थे।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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