India-Canada Row: कनाडा ने नहीं दी 'ठोस' जानकारी, संदर्भ बगैर तस्वीर अधूरी- बोले एस जयशंकर, चीन पर कही यह बात

Dr S Jaishankar on India-Canada Row: इस बीच, सूत्रों की ओर से बताया गया कि खालिस्तानी समर्थक तत्व ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ और ‘राजनीतिक समर्थन’ जैसी धारणाओं की आड़ में लगभग 50 साल से कनाडा की जमीन से ‘‘स्वतंत्र रूप से काम कर रहे’’ हैं, पर कनाडा इन चरमपंथियों की ओर से डराने धमकाने, हिंसा किए जाने और नशीले पदार्थों की तस्करी में लिप्त रहने पर ‘‘पूरी तरह चुप्पी साध’’ लेता है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर। (फाइल)

Dr S Jaishankar on India-Canada Row: भारत और कनाडा के बीच पनपे विवाद को लेकर केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने कनाडा को खरी-खोटी सुनाई है। उन्होंने कहा है कि कनाडा की ओर से स्पेसिफिक जानकारी नहीं साझा की गई है। अगर उनके पास (कनाडा वालों) कोई सबूत है तब वे उन्हें दे, जिसे देखा जाएगा...तस्वीर संदर्भ के बगैर पूरी नहीं होती है। ये बातें डॉ.जयशंकर ने अमेरिका के न्यू यॉर्क में हुए एक प्रोग्राम के दौरान कहीं।

उनके मुताबिक, कनाडा में बीते कुछ सालों में अलगाववादी ताकतों के चलते काफी हिंसा की घटनाएं हुई हैं। भारत की ओर से उन लोगों को वहां चलने वाले संगठित अपराध और उसके नेतृत्व के बारे में जानकारी दी गई है। कई आतंकवादी नेताओं की शिनाख्त हुई है...इंडिया की चिंता है कि कनाडा सियासी कारणों के चलते उन लोगों के प्रति खासा उदार रहा है।

बकौल जयशंकर, "पिछले 20-25 साल में हिंद महासागर में चीनी नौसैनिकों की मौजूदगी और गतिविधि में लगातार वृद्धि हुई है। आपके पास जब बहुत बड़ी नौसेना हो तो वह नौसेना कहीं अपनी तैनाती के संदर्भ में दिखाई देगी। हमारे अपने मामले में हमने चीनी बंदरगाह गतिविधि और निर्माण (आपने ग्वादर, हंबनटोटा का उल्लेख किया है) देखा है। कुछ और भी हैं...हम स्पष्ट रूप से उनमें से कई को किसी भी सुरक्षा निहितार्थ के लिए बहुत सावधानी से देखते हैं...भारतीय दृष्टिकोण से हमारे लिए पहले की तुलना में कहीं अधिक बड़ी चीनी उपस्थिति के लिए तैयारी करना बहुत उचित है।"

End Of Feed