बारिश नहीं होने से परेशान हैं तो इस जगह के बारे में सोचें, जहां बारिश होती ही नहीं
बरसात के मौसम में बारिश नहीं होने से आप परेशान हैं, लेकिन हमारी ही धरती पर एक ऐसी जगह भी है, जहां बारिश नहीं होती। कभी हो भी गई तो 5 मिमी के आसपास। चलिए जानते हैं उस जगह के बारे में और कहां है यह शहर। बता दें कि यहां दुनिया की सबसे बड़ी तांबे की खदान भी है।
यहां बारिश होती ही नहीं है
भारत में इन दिनों बरसात का मौसम है। मानसून (Monsoon) के सीजन में भी कई इलाकों में बारिश नहीं होने से लोग परेशान हैं। आपके इलाके में भी बारिश नहीं होगी तो आप भी परेशान हो जाएंगे। क्योंकि बारिश नहीं होने का सीधा मतलब प्रचंड गर्मी होता है। लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि धरती पर कोई ऐसी जगह भी हो सकती है, जहां बारिश होती ही नहीं। अब आप कहेंगे धरती पर तो नहीं, लेकिन चंद्रमा और मंगल जैसे ग्रहों पर बारिश नहीं होती है। लेकिन हम आपके लिए एक ऐसे शहर की कहानी लेकर आए हैं, जहां बारिश होती ही नहीं है। अगर होती भी है तो पूरे साल में करीब 5 मिलीमीटर बारिश। तो चलिए जानते हैं।
कहां है ये शहरभारत में एक ऐसी जगह है जहां दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश होती है और वह मेघालय में चेरापूंजी (Cherrapunji) के पास मौसिनरम (Mawsynram) है। लेकिन सबसे कम बारिश वाले जिस शहर की बात हम कर रहे हैं, वह भारत में नहीं है। हां, ये बात सच है कि राजस्थान के जैसलमेर (Jaisalmer) और जोधपुर (Jodhpur) में बहुत कम बारिश होती है। लेकिन दक्षिण अमेरिकी देश चिली (South American Country Chili) में कलामा नाम का एक शहर (Calama City) है, जिसके बारे में कहा जाता है कि कुछ लोगों ने तो यहां सालों से बारिश नहीं देखी है। दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में पेंटागोनिया मरुस्थल के बाद दूसरा सबसे बड़ा रेगिस्तान अटाकामा (Atacama Desert) है। अटाकामा मरुस्थल का ज्यादातर हिस्सा चिली में है। इसका कुछ हिस्सा बोलीविया और अर्जेनटीना में भी है। कलामा शहर चिली में ही है और साल 2022 में इस शहर की जनसंख्या 1 लाख, 94 हजार से ज्यादा थी।
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प्रश्न और उसका जवाबIs there any place on earth where it has never rained? यानी क्या धरती पर कोई ऐसा स्थान है, जहां कभी बारिश नहीं हुई? कोरा पर पूछे गए इस प्रश्न का कई लोगों ने जवाब दिया है। एक जवाब मिला कि चिली के अटाकामा मरुस्थल में एक जगह इस प्रश्न के बहुत करीब है। क्योंकि हाल के समय तक यहां की कई पुश्तों ने बारिश नहीं देखी। कुछ समय पहले ही यहां बारिश हुई, जो वर्षों बात हुई। इसके अलावा पोलर रीजन यानी धरती के ध्रुविय क्षेत्रों (उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव) में भी बारिश नहीं होती, वहां बर्फबारी ही होती है।
अटाकामा रेगिस्तान पेरू के दक्षिणी बॉर्डर से शुरू होकर मध्य चिली तक करीब 600 मील में फैला है। यह प्रशांत महासागर के तट के करीब है। इस पूरा क्षेत्र एंडीज पर्वतमाला (7381 फीट ऊंची) और चिली के समुद्र तटीय पहाड़ी इलाकों से घिर हुआ है। ये दोनों पर्वत श्रृंखलाएं यहां बारिश वाले बादलों को आने नहीं देते, जिसके कारण इस क्षेत्र में कभी बारिश नहीं होती है और अगर होती भी है तो नाम मात्र की। कलामा शहर दक्षिण पश्चिमी में एंटोफगास्टा (Antofagasta) शहर से जुड़ा हुआ है, जो यहां से करीब 215 किमी दूर है। कलामा शहर चिली के अल लाओ प्रोविंस की राजधानी है।
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दुनिया की सबसे बड़ी तांबे खदानकलामा में दुनिया की सबसे बड़ी तांबे की खदान (Copper Mine) है और यहां पर कुछ दिलचस्प पुरातत्व स्थल भी हैं। यहां तांबे की खदान है और इसका उल्लेख हर जगह मिलता है। शहर में जगह-जगह तांबे की मूर्तियां (Copper Statue), दीवारों पर तांबे की नक्काशी और यहां तक कि यहां के गिरजाघर में भी तांबे की परत चढ़ाई गई मीनार है।
वॉल्केनो और गर्म पानी के चश्मेकलामा आने वाले पर्यटकों के लिए यहां बहुत कुछ है, जैसे - लिकांकाबुर ज्वालामुखी (Licancabur volcano), लॉस फ्लेमेंकोस नेशनल रिजर्व (Los Flamencos National Reserve), पिंक फ्लैमिंकोज (Pink flamincos), मून वैली (Moon valley) और अल टैटियो पानी का चश्मा (El Tatio Geysers) जहां गर्म पानी की भाप उड़ती हुई दिखती है। कलामा में रेगिस्तान के साथ ही पर्यटकों के देखने के लिए घाटियां और पहाड़ भी हैं।
शहर की प्यास बुझाती है लोवा रिवरइस की प्यास यहां बहने वाली चिली की सबसे लंबी नदी लोवा से बुझती है। यह एक महत्वपूर्ण कॉमर्शियल, फाइनेंशियल और एडमिनिस्ट्रेटिव सेंटर भी है। लोवा नदी की वजह से यहां पर बहुत से पर्यटक आते हैं। यहां पर आने वाले लोग फ्लाइ फिशिंग और स्वीमिंग करते हैं।
पानी के बीच में मौजूद शहरकलामा भले ही रेगिस्तान के बीच बसा शहर हो और यहां बारिश न होती हो। लेकिन इस शहर का नाम को लेकर कई बातें कही जाती हैं। एक तो ये है कि यहां पूर्व में रहने वाले लोगों की भाषा कुंजा से कलामा शब्द आया है। कुंजा भाषा में कारा-अमा (Ckara-ama) से कलामा बना है, जिसका मतलब पानी के बीच बसा शहर होता है। 20वीं सदी के मध्य तक कलामा के शहरी इलाके और आसपास के मरुद्यान दो तरफ से लोआ नदी से घिरे हुए थे। जबकि इसके दूसरी तरफ उपजाऊ मैदान और दलदली इलाके थे।
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