व्हाइट हाउस में चमक सकते हैं ये भारतीय चेहरे, ट्रंप प्रशासन में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
Donald Trump Possible Cabinet: राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को ऐतिहासिक जीत दिलाने सुशी विल्स की बहुत बड़ी भूमिका रही है। परदे के पीछे रहते हुए उन्होंने चुनाव अभियान का पूरा खाका तैयार किया। रैली के लिए ट्रंप को कब और कहां जाना किन मुद्दों पर बोलना है, विरोधी डेमोक्रेट पार्टी को घेरने के लिए रणनीति का पूरा चक्रव्यूह उन्हीं ने तैयार किया।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति हैं डोनाल्ड ट्रंप।
Donald Trump Possible Cabinet: डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति हैं लेकिन अभी वह कार्यभार ग्रहण नहीं करेंगे। व्हाइट हाउस में उनकी आधिकारिक रूप से इंट्री 20 जनवरी को होगी। बाकी देशों की तरह नहीं कि चुनाव जीतने के बाद कुछ ही दिन बाद ही शपथ ग्रहण हो जाता है और चुनाव जीतने वाला पीएम या राष्ट्रपति बन जाता है। अमेरिकी संविधान में जिस तरह से वोटिंग के लिए 5 नवंबर तय है, उसी तरह शांतिपूर्ण सत्ता के हस्तांतरण और नई सरकार के लिए 20 जनवरी की तिथि भी तय की गई है। पूरे नवंबर, दिसंबर और 20 जनवरी तक के दिनों को यदि जोड़ लें तो ट्रप के ह्वाइट हाउस में जाने और बाइडेन के वहां से निकलने में वक्त है तो इस दौरान ट्रंप क्या करेंगे, तो इस दौरान ट्रंप अपनी सरकार के लिए टीम बनाएंगे और कैबिनेट के लिए चेहरे चुनने का काम करेंगे। यह टीम ट्रंप प्रशासन के नाम से जानी जाएगी। ट्रंप की टीम और कैबिनेट में कौन-कौन होगा, इसे हर कोई जानना चाहता है।
सुशी विल्स को मिली अहम जिम्मेदारी
ट्रंप की कैबिनेट और उनकी टीम को लेकर मीडिया में अभी से कई नाम चर्चा में हैं। कैबिनेट में इन्हें ये पद मिल सकता है, इन्हें यह जिम्मेदारी मिल सकती है, तमाम तरह की अकटलें लग रही हैं और बातें की जा रही हैं। अभी सुशी विल्स को छोड़कर किसी भी पद के लिए कोई नाम तय नहीं हुआ है। सब अटकलबाजी है। राष्ट्रपति चुने जाने के बाद ट्रंप ने सुशी विल्स को ह्वाइट हाउस का चीफ ऑफ स्टॉफ तय किया है। इसके अलावा दो और नाम भारतीय मूल की निक्की हेली और माइक पोम्पियो भी पद की रेस से बाहर हो गए है। ट्रंप ने कहा है कि ये दोनों उनके प्रशासन का हिस्सा नहीं रहेंगे।
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राष्ट्रपति तक 24 घंटे होती है पहुंच
राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को ऐतिहासिक जीत दिलाने सुशी विल्स की बहुत बड़ी भूमिका रही है। परदे के पीछे रहते हुए उन्होंने चुनाव अभियान का पूरा खाका तैयार किया। रैली के लिए ट्रंप को कब और कहां जाना किन मुद्दों पर बोलना है, विरोधी डेमोक्रेट पार्टी को घेरने के लिए रणनीति का पूरा चक्रव्यूह उन्हीं ने तैयार किया। ट्रंप की जीत में सुशी सबसे बड़ी किरदार हैं। अब चीफ ऑफ स्टॉप बनाकर ट्रंप ने उन्हें इनाम दिया है। अमेरिकी प्रशासन में व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टॉफ का पद बहुत बड़ा होता है। इस पद पर आसीन शख्स की 24 घंटे राष्ट्रपति तक पहुंच होती है। किसी जरूरी काम के लिए राष्ट्रपति को सोते समय अगर जगाना भी है तो यही व्यक्ति या महिला उन्हें जगाएगी।
राष्ट्रपति को सलाह भी देता है चीफ ऑफ स्टॉफ
ह्वाइट हाउस में राष्ट्रपति को कब और किससे मिलना है, यह चीफ ऑफ स्टॉफ ही तय करता है। इसके अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों में चीफ ऑफ स्टॉफ राष्ट्रपति को सलाह भी देता है यानी व्हाइट हाउस में कोई भी चीज बिना चीफ ऑफ स्टॉफ के सामने से गुजरे, उसकी मंजूरी लिए बिना राष्ट्रपति तक नहीं पहुंच सकती। इससे समझा जा सकता है कि यह पद कितना बड़ा है और इस पद पर आसीन व्यक्ति पर राष्ट्रपति कितना भरोसा करते हैं। अब बात दूसरे नामों पर जिन पर मीडिया में अटकलबाजी चल रही है तो वित्त मंत्री के लिए कई नाम चर्चा में हैं। इनमें प्रमुख नाम स्कॉट बेसेंट का है। बेसेंट ट्रंप के प्रमुख आर्थिक सलाहकारों में से एक है। इनके ट्रंप के साथ काफी गहरे रिश्ते भी हैं। बेसेंट के अलावा अरबपति हेज फंड मैनेजर जॉन पॉल्सन को भी वित्त मंत्रालय के लिए संभावित चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है। इसके अलावा फॉक्स बिजनेस नेटवर्क से जुड़े लैरी कुडलो, रॉबर्ट लाइटहाइजर और हावर्ड लुटनिक के नामों की भी चर्चा है।
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काश पटेल के हाथों में हो सकती है सीआईए की कमान
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए पद की रेस में रिचर्ड ग्रेनेल के नाम सबसे आगे चल रहा है। ग्रेनेल, ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया विभाग के कार्यकारी निदेशक रह चुके हैं। विदेश मंत्री के लिए रॉबर्ट ओब्रायन, अमेरिकी सीनेटर बिल हैगर्टी और सीनेटर मार्को रूबियो का नाम सबसे आगे चल रहा है। रक्षा मंत्रालय के लिए भी अमेरिका में दो नाम माइक वॉल्ट्ज और टॉम कॉटन के नामों पर चर्चा है। ट्रंप के मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा लोगों की नजर सुरक्षा से जुड़े पदों को लेकर है। दरअसल, अमेरिका में सुरक्षा के कई आयाम और एजेंसियां हैं। सुरक्षा से जुड़े पदों के लिए एक नाम भारतवंशी कश्यप पटेल यानी काश पटेल का है। चर्चा है कि काश की निष्ठा को देखते हुए ट्रंप उन्हें सीआईए की कमान सौंप सकते हैं। पटेल लगातार ट्रंप के अभियान से भी जुड़े रहे हैं और ट्रंप उन पर बहुत भरोसा करते हैं। ट्रंप के पिछले कार्यकाल में रक्षा और खुफिया विभागों में पटेल अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं।
विवेक रामास्वामी को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
काश के अलावा सीआईए के निदेशक पद के लिए कीथ केलॉग का नाम भी चर्चा में है। इनके अलावा ट्रंप प्रशासन में भारतीय मूल के अमेरिकी चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। इनमें ट्रंप के लिए आक्रामक रूप से प्रचार और रिपब्लिकन पार्टी से युवाओं को जोड़ने वाले विवेक रामास्वामी और लुइसियाना के पूर्व गवर्नर बॉबी जिंदल को ट्रंप कैबिनेट में अहम पद मिल सकता है।
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