तिब्बत में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 126, कई अन्य घायल घायल; भारत ने व्यक्त की संवेदनाएं
Tibet Earthquake: तिब्बत में आए 6.8 तीव्रता वाले भूकंप में 126 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए। चीनी अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को हिमालय की तलहटी में आए शक्तिशाली भूकंप में फंसे 400 से अधिक लोगों को बचा लिया गया है। इस बीच, भारत सरकार तिब्बत में भूकंप के कारण हुई जान-माल की दुखद क्षति पर संवेदनाएं व्यक्त की है।
तिब्बत में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 126
Tibet Earthquake: तिब्बत में आए 6.8 तीव्रता वाले भूकंप में कम से कम 126 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए। चीनी अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को हिमालय की तलहटी में आए शक्तिशाली भूकंप में फंसे 400 से अधिक लोगों को बचा लिया गया है, जबकि 30000 से अधिक निवासियों को दूसरे स्थानों पर ले जाया गया है, जबकि बचाव दल जीवित बचे लोगों की तलाश जारी रखे हुए हैं। चीनी सरकारी मीडिया ने मंगलवार देर रात स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि एक प्रारंभिक सर्वेक्षण से पता चला है कि तिब्बत के शिगात्से क्षेत्र में 3609 घर नष्ट हो गए हैं, जहां 800000 लोग रहते हैं, जबकि घायलों की मदद के लिए 500 से अधिक लोगों और 106 एम्बुलेंस को भेजा गया है। चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने बताया कि तिब्बती क्षेत्र में कम से कम 126 लोगों के मारे जाने और 188 के घायल होने की जानकारी है। नेपाल या अन्य जगहों पर किसी की मौत की सूचना नहीं मिली है।
भारत सरकार ने व्यक्त की संवेदनाएं
इस बीच, भारत सरकार तिब्बत में भूकंप के कारण हुई जान-माल की दुखद क्षति पर ने संवेदनाएं व्यक्त की है। भारत के संदेश में चीन का जिक्र नहीं किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि सरकार और भारत के लोग तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में आए विनाशकारी भूकंप के कारण हुई जान-माल की दुखद क्षति पर संवेदना व्यक्त करते हैं। उन्होंने चीन का उल्लेख किये बिना कहा कि हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। धर्मशाला स्थित तिब्बत की निर्वासित सरकार के सिक्योंग या राजनीतिक प्रमुख पेंपा सेरिंग ने भी भूकंप से प्रभावित सभी लोगों के लिए प्रार्थना की। सेरिंग ने एक्स पर कहा कि केंद्रीय तिब्बती प्रशासन तिब्बत के डिंगरी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में आए 6.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप पर गहरा शोक व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) दुनिया भर के तिब्बतियों के साथ मिलकर इस आपदा से प्रभावित सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता है। तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहते हैं। 1959 में चीनी विरोधी विद्रोह के विफल होने के बाद, 14वें दलाई लामा तिब्बत से भारत आ गए, जहां उन्होंने निर्वासित सरकार की स्थापना की।
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Shashank Shekhar Mishra author
शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे ह...और देखें
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