कंगाली से बचने के लिए IMF के शर्तों को मानना ही होगा, पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ बोले- अब रास्ता नहीं
पाकिस्तान अब एक एक पैसे के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद की गुहार लगा रहा है। आईएमएफ का कहना है कि पाकिस्तान को मदद पाने के लिए बुनियादी तौर पर सुधार करना होगा। आईएमएफ के इस बयान पर पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि कठोर शर्तों को स्वीकार करने के लिए अलावा कोई रास्ता नहीं है।
शहबाज शरीफ, पाकिस्तान के पीएम
पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक का कहना है कि हमारे पास सिर्फ 3.1 बिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा है। इस रिजर्व के जरिए हम सिर्फ 21 दिनों की जरूरतों को पूरी कर सकते हैं। इसके बाद अगर मदद नहीं मिली तो दिवालिया हो जाएंगे। इन सबके बीच पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि आईएमएफ ने मदद के लिए जो शर्तें रखीं वो हमारी कल्पना के बाहर है। लेकिन सरकार के पास उन शर्तों को मानने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।
'अब कोई रास्ता नहीं बचा'
खराब आंतरिक सुरक्षा के बच पाकिस्तान की व्यवस्था चरमरा गई है। पाकिस्तान के सामने संकट किस स्तर का है इसे आप आटे की कीमत, पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों से समझ सकते हैं। पाकिस्तान सरकार हर संभव तरीके को आजमा रही है लेकिन नतीजा सिफर है। विपक्षी दल लगातार आरोप लगा रहे हैं कि लुटेरों की सरकार ने देश को तबाह कर दिया है तो मौजूदा सरकार आर्थिक कुव्यवस्था के लिए पूर्ववर्ती सरकार को जिम्मेदार बता रही है। शहबाज शरीफ सरकार का कहना है कि विरासत में उन्हें गुरबत मिली। देश को संकट से उबारने के लिए वो हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हालात बेहद खराब हैं। हमें अगर अपने मुल्क को महफूज रखना है तो आईएएमएफ के कठोर शर्तों को मानना ही होगा।
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ललित राय author
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